चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) ने चांद पर कदम रखने के बाद अब चंद्रमा के बारे में जानकारी देना शुरू कर दिया है। विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर पर लगे सभी उपकरण ठीक से काम कर रहे हैं। विक्रम लैंडर के ChaSTE (चंद्रमा का सतही थर्मोफिजिकल प्रयोग) पेलोड ने शुरुआती डेटा भेज दिया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर के साथ लगे चेस्ट उपकरण से चंद्र सतह पर मापी गई तापमान का एक ग्राफ रविवार को जारी किया। विक्रम लैंडर पर लगा ChaSTE चंद्रमा की ऊपरी मिट्टी के तापमान को मापता है। इसकी मदद से चंद्रमा की सतह के थर्मल बिहेवियर को समझा जा सकेगा।
अंतरिक्ष एजेंसी के अनुसार, चंद्र सर्फेस थर्मो फिजिकल एक्सपेरिमेंट (ChaSTE) ने चंद्रमा की सतह के थर्मल बिहेवियर को समझने के लिए दक्षिणी ध्रुव के आसपास चंद्रमा की ऊपरी मिट्टी का 'तापमान प्रोफाइल' मापा। इसरो ने X (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा, "यहां विक्रम लैंडर पर चेस्ट पेलोड के पहले ऑब्जर्वेशन हैं। चंद्रमा की सतह के थर्मल बिहेवियर को समझने के लिए, चेस्ट ने ध्रुव के चारों ओर चंद्रमा की ऊपरी मिट्टी के तापमान प्रोफाइल को मापा।"
ChaSTE में एक टेम्प्रेचर प्रोब है जो कंट्रोल्ड एंट्री सिस्टम की मदद से चांद की सतह में 10 सेमी की गहराई तक पहुंच सकता है। इसमें 10 अलग-अलग तापमान सेंसर लगे हैं। यह चांद के दक्षिणी ध्रुव पर की गई पहली जांच रिपोर्ट है। भारत ऐसा करने वाला दुनिया का पहला देश है। इसरो ने कहा कि डेटा का डिटेल्स रिसर्च जारी है। इसरो ने बताया कि पेलोड में तापमान को मापने का एक यंत्र लगा है जो सतह के नीचे 10 सेंटीमीटर की गहराई तक पहुंचने में सक्षम है।
इसरो ने कहा, "इसमें 10 तापमान सेंसर लगे हैं। प्रस्तुत ग्राफ विभिन्न गहराइयों पर चंद्र सतह/करीबी-सतह की तापमान भिन्नता को दर्शाता है। चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के लिए ये पहले ऐसे प्रोफ़ाइल हैं। विस्तृत अवलोकन जारी है।"
आपको बता दें कि अंतरिक्ष अभियान में बड़ी छलांग लगाते हुए भारत का चंद्र मिशन चंद्रयान-3 बुधवार को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरा। इससे भारत चांद के इस क्षेत्र में उतरने वाला दुनिया का पहला तथा चंद्र सतह पर सफल सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया।