Cleanest Villages in India: यहां देखिए भारत के साफ सुथरे गांव, जानिए कैसी है लाइफ

Cleanest Villages in India: मेघायल (Meghalaya) के मावलिननांग (Mawlynnong) गांव को एशिया (Asia) का सबसे साफ-सुथरा गांव का दर्जा दिया गया है। यहां के लोगों को बचपन से ही सफाई का महत्व समझाया जाता है। सफाई के मामले में यहां प्लास्टिक की थैली तक पर पाबंदी लगाई गई है। हम भारत कुछ ऐसे साफ सुथरे गांवों कि लिस्ट दे रहे हैं, जिसे देखकर हैरान रह जाएंगे

अपडेटेड Jan 08, 2024 पर 12:21 PM
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Cleanest Villages in India: भारत में कई ऐसे गांव हैं, जो सफाई के मामले में शहरों को टक्कर दे रहे हैं।

Cleanest Villages in India: देश में समय के साथ पर्यावरण में प्रदूषण की समस्या भी बढ़ती जा रही है। दुनियाभर के देश इस समस्या से जूझ रहे हैं। वहीं भारत में कई ऐसे गांव हैं। जिसकी सुंदरता दुनियाभर के लोगों को आकर्षित कर रही है। इन गांवों को देखकर ऐसा लगेगा कि आप भारत नहीं और किसी और दुनिया में पहुंच गए हैं। इन गांवों में प्रदूषण कोसों दूर है। इन गांवों का नजारा देखकर प्रकृति के बेहद नजदीक पहुंच जाएंगे। हम आपको भारत के कुछ ऐसे गांवों के बारे में बता रहे हैं। जो अपनी खूबसूरती के साथ ही अपनी साफ-सफाई के मामले में पूरी दुनिया में मशहूर हैं।

वैसे भी शहरों में रहना आजकल किसी चुनौती से कम नहीं है। प्रदूषण इतना ज्यादा कि जीना दूभर हो जाता है। कंकरीट के जंगल, आसमान चूमती इमारतें, रोजाना उड़ने वाली धूल, ट्रैफिक जाम जैसी तमाम समस्याओं का रोजाना सामना करना पड़ता है।

मावलिननांग (Mawlynnong)


मावलिननांग गांव मेघालय की राजधानी शिलॉन्ग से 90 किमी दूर भारत-बांग्लादेश सीमा के पास है। लोग इसे मिनी स्विट्जरलैंड भी कहते हैं। साल 2003 में डिस्कवर इंडिया मैगजीन ने इस गांव को एशिया का सबसे स्वच्छ गांव के रूप में दर्जा दिया है। आपको जानकार हैरानी होगी कि यहां सब कुछ पहले से ही इतना अच्छा नहीं था। इस गांव में 95 घर हैं। हर घर में बांस से बना एक कूड़ादान है। इस कूड़े को पूरे गांव में एक जग एकत्र कर खाद बनाई जाती है। गांव की पूरी बादी साक्षर है। गांव में प्लास्टिक के इस्तेमाल पर पूरी तरह से पाबंदी लगाई गई है। इसके अलावा यहां धूम्र पान करने पर भी पाबंदी लगाई गई है। अगर कोई स्मोक करते हुए पाया जाता है तो उस पर जुर्माना लगाया जाता है।

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नाको वैली

यह गांव हिमाचल प्रदेश में है। तिब्बत की सीमा से जुड़ा हुआ है। यह गांव बेहद शांत है। यहां बहुत पुराना मठ परिसर है। बौद्ध लामाओं की ओर से चलाए जाने वाले चार पुराने मंदिर का एक समूह है। दीवारों पर बेहद सुंदर पेंटिंग की गई है। साफ-सफाई के लिए यह गांव काफी मशहूर है।

खोनामा

नागालैंड का खोनोमा गांव (Khonoma Village, Nagaland), भारत का पहला ग्रीन विलेज (India’s First Green Vilalge) है। 700 साल पुराने इस गांव में रहने वाले अंगामी जनजातियों (Angami Tribes) ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान अंग्रेजों से लोहा लिया था। पूरी तरह शिकार पर निर्भर रहने वाले अंगामी आदिवासियों ने अपने गांव की विरासत को बचाने के लिए खुद से ही शिकार पर पाबंदी लगा दी है। इस गांव में करीब 3000 लोग रहते हैं। यह गांव कोहिमा (Kohima) से करीब 20 किलोमीटर की दूरी पर है। आप जब इस गांव में जाएंगे, तो चारों तरफ आपको हरियाली ही हरियाली नजर आएगी। यह भारत का पहला ग्रीन वीलेज (India’s First Green Vilalge) है। गांव के निवासी अपनी बहादुरी और मार्शल आर्ट्स के लिए जाने जाते हैं।

इडुक्की

इडुक्की, केरल में स्थित बेहद ही खूबसूरत गांव है। यह अपनी प्राकृतिक सुंदरता और शांत वातावरण के लिए जाना जाता है। नेचर लवर्स के लिए यह जगह किसी स्वर्ग से कम नहीं है। यहां घुमावदार रास्ते, हरे जंगल, कल कल बहते झरने और साफ झीलें देखने को मिलेंगी।

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