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COVID-19 के नए सब-वेरिएंट JN.1 की केरल में पुष्टि, जानें- क्या हैं इसके लक्षण और बचाव

INSACOG प्रमुख एनके अरोड़ा ने कहा, "भारत निगरानी रख रहा है और यही कारण है कि अब तक किसी अस्पताल में भर्ती होने या गंभीर बीमारी की सूचना नहीं मिली है।" वहीं, नेशनल इंडियन मेडिकल एसोसिएशन कोविड टास्क फोर्स के सह-अध्यक्ष राजीव जयदेवन ने कहा, "7 महीने के अंतराल के बाद, भारत में मामले बढ़ रहे हैं। केरल में लोगों के कोविड होने की खबरें आ रही हैं, लेकिन अब तक गंभीरता पहले जैसी ही नजर आ रही है।"

अपडेटेड Dec 17, 2023 पर 10:51 PM
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JN.1 वेरिएंट दुनिया भर में कोरोना संक्रमण में वृद्धि का कारण बन रहा है

केरल में कोरोना वायरस (COVID-19) के नए सब-वेरिएंट जेएन.1 (Coronavirus Sub-variant JN.1) का पहला मामला सामने आने के बाद देश भर में हड़कंप मच गया है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि इंडियन SARS-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) की नियमित निगरानी गतिविधि के तहत यह नया मामला मिला है। ICMR के डायरेक्टर जनरल डॉ. राजीव बहल ने बताया कि तिरुवनंतपुरम जिले के काराकुलम में 8 दिसंबर को RT-PCR जांच में यह मामला मिला था। 79 वर्षीय महिला में इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारी के हल्के लक्षण थे। हालांकि, वह कोरोना से उबर चुकी हैं।

केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने रविवार को कहा कि राज्य में मिला कोविड-19 का नया वेरिएंट JN.1 चिंता का कारण नहीं है। नए सब-वेरिएंट के बारे में मीडिया से बात करते हुए जॉर्ज ने कहा कि यह कुछ महीने पहले उन भारतीय यात्रियों में मिला था जिनकी सिंगापुर एयरपोर्ट पर जांच की गई थी। उन्होंने कहा कि चिंता की कोई जरूरत नहीं है। यह एक सब-वेरिएंट है।

पीटीआई के मुताबिक मंत्री ने कहा, "कुछ महीनों पहले सिंगापुर एयरपोर्ट पर जांच के दौरान कुछ भारतीयों में यह सब-वेरिएंट मिला था। केरल ने जीनोम सीक्वेंसिंग के माध्यम से यहां सब-वेरिएंट की पहचान की है। चिंता करने की कोई बात नहीं है। स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है।"


हालांकि, मंत्री ने लोगों से सतर्क रहने का आग्रह करते हुए कहा कि जिन लोगों को अन्य गंभीर बीमारियां हैं, उन्हें सावधान रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि नया सब-वेरिएंट देश के अन्य हिस्सों में भी मौजूद है और केरल की मजबूत हेल्थ सिस्टम के कारण चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है।

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एक्सपर्ट क्या बोले?

न्यूज एजेंसी ANI ने INSACOG प्रमुख एनके अरोड़ा के हवाले से कहा, "भारत निगरानी रख रहा है और यही कारण है कि अब तक किसी अस्पताल में भर्ती होने या गंभीर बीमारी की सूचना नहीं मिली है।" वहीं, नेशनल इंडियन मेडिकल एसोसिएशन कोविड टास्क फोर्स के सह-अध्यक्ष राजीव जयदेवन ने कहा, "7 महीने के अंतराल के बाद, भारत में मामले बढ़ रहे हैं। केरल में लोगों के कोविड-19 होने की खबरें आ रही हैं, लेकिन अब तक गंभीरता पहले जैसी ही नजर आ रही है।"

नए कोरोना वायरस स्ट्रेन के बारे में जानें सबकुछ

- JN.1 वेरिएंट दुनिया भर में कोरोना संक्रमण में वृद्धि का कारण बन रहा है। इस नए वेरिएंट की वजह से दुनियाभर के स्वास्थ्य अधिकारी अलर्ट हो गए हैं।

- इससे पहले सिंगापुर में एक भारतीय यात्री में भी JN.1 सब-वेरिएंट का पता चला था।

- JN.1 सब-वेरिएंट के पहले मामले की पुष्टि लक्जमबर्ग में हुई थी। उसके बाद से अब यह कई देशों में दस्तक दे चुका है।

- यह पिरोला वेरिएंट (BA.2.86) से पैदा हुआ है।

- यह वेरिएंट पहली बार इस साल सितंबर में अमेरिका में सामने आया था।

- 15 दिसंबर को चीन में इस सब-वेरिएंट के 7 मामले पाए गए।

- JN.1 वेरिएंट के मामले अब तक अमेरिका, ब्रिटेन, आइसलैंड, स्पेन, पुर्तगाल और नीदरलैंड जैसे देशों में पाए गए हैं।

- इसके अधिकांश मरीज बिना किसी इलाज के अपने घर पर ही ठीक हो रहे हैं।

- बुखार, नाक बहना, गले में खराश, सिरदर्द और छोटी गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल जैसी समस्याएं JN.1 वेरिएंट के कुछ सामान्य लक्षणों में से एक हैं।

- मेडिकल एक्सपर्ट्स ने इस वेरिएंट से पीड़ित मरीजों से बातचीत के आधार पर बाहर जा रहे लोगों को मुंह और नाक ढकने की सलाह दी है।

- उन्होंने कहा कि वेरिएंट फैलने के जोखिम को कम करने के लिए मास्क का उपयोग करें और टेस्ट कराते रहें। यदि किसी में इसके लक्षण पाए जाते हैं तो वह खुद को परिवार से अलग कर ले।

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