आजकल के इस डिजिटल युग में डिजिटिलाइजेशन से लोगों को काफी फायदा हुआ है। लेकिन दूसरी ओर लोग ठगी के शिकार भी हो रहे हैं। स्कैमर्स एक के बाद एक स्कैम करने का नया तरीका निकाल ही लेते हैं। देश जितना टेक्नोलॉजी के मामले में आगे बढ़ रहा है उतना ही स्कैम के मामले भी बढ़ते नजर आ रहे हैं। यह हाल भारत की ही नहीं पूरी दुनिया का है। इन पश्चमी देशों में लोग सबसे ज्यादा साइबर हमले का शिकार हो रहे हैं। इसमें मंत्री और बड़े अफसरों तक स्कैमर्स तगड़ा चूना लगा रहे हैं। हाल ही में रूस के हैकरों ने पश्चिमी देशों के मंत्रियों और अधिकारियों पर साइबर हमला किया। माइक्रोसॉफ्ट ने इसका खुलासा किया है।
रूस की खुफिया एजेंसी एफएसबी से जुड़े हैकर्स ने हाल ही में दुनिया भर की सरकार के मंत्रियों पर ‘साइबर हमला’ किया है। डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने से पहले यह हमला हुआ था। द गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक इस साइबर अटैक में मंत्रियों और अधिकारियों के व्हाट्सएप अकाउंट्स पर निशाना साधा गया था।
QR कोड से ऐसे फंस रहे हैं मंत्री और अफसर
दरअसल, एक मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि ‘स्टार ब्लिजार्ड’ नाम के एक ग्रुप ने खुफिया जानकारी तक पहुंचने के लिए नई रणनीति अपनाई है। इसमें हैकर्स जिस शख्स के साथ धोखाधड़ी करना चाहते हैं। पहले उसे ईमेल भेजा जाता है। इस ईमेल को इस तरह से डिजाइन किया जाता है, जैसे लगे यह अमेरिकी सरकार की ओर से भेजा गया है। इसमें एक QR कोड रहता है। जैसे ही इसे स्कैन करेंगे। फौरन एक WhatsApp ग्रुप से जोड़ दिया जाता है। इसके बाद मोबाइल डिवाइस हैकर्स के कंप्यूटर से जुड़ जाती है। फिर जो भी मैसेज आएंगे, आप जो भी मोबाइल में काम करेंगे। सब कुछ हैकर्स देख सकता है। रूस के हैकर्स की इस चाल का खुलासा माइक्रोसॉफ्ट ने किया है। माइक्रोसॉफ्ट ने इसे कूटनीति, रक्षा नीति और यूक्रेन से जुड़े मामलों में शामिल लोगों को निशाना बनाने वाला एक नया फिशिंग हमला बताया है।
'क्विशिंग स्कैम' से रहें अलर्ट
जानकारों का कहना है कि इस तरह के स्कैम में क्विशिंग टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता है। क्यूआर कोड स्कैन करते ही व्यक्तिगत डेटा चोरी होने का खतरा बढ़ जाता है। क्यूआर कोड पेमेंट को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है। खासकर इंटरनेट मीडिया पर भेजे क्यूआर की जांच उसके खाताधारक के नाम से की जानी चाहिए। स्कैमर अपना क्यूआर कोड खूब बना रहे हैं। कोड को स्कैन करने और पिन दर्ज करने से पहले जांच जरूरी है कि पेमेंट किस खाते में जा रहा है। वहीं जानकारों ने ये भी सलाह दी है कि अगर आप अपने डिवाइस को किसी कंप्यूटर से जोड़ना चाहते हैं तो उसके लिए मैसेजिंग एप की ही वेबसाइट पर जाना चाहिए।