दिवाली से पहले दिल्ली में प्रदूषण का लेवल खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। राष्ट्रीय राजधानी में हवा की गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ हो गई है। लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है। पड़ोसी राज्यों में पराली जलाए जाने की वजह से दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 356 दर्ज किया गया है। इस बीच, भाजपा और सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी ने एक दूसरे पर बयानबाजी शुरू कर दी है। शहर में मौसम का मिजाज भी बदल रहा है। कहा जा रह है कि 30 अक्टूबर तक हालत और ज्यादा खराब हो सकती है। इसकी वजह ये है कि दिवाली के मौके पर पटाखे भी जलाए जाएंगे।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) रविवार शाम चार बजे 355 दर्ज किया गया। जबकि शनिवार को यह 255 था। सीपीसीबी ने दिल्ली के 40 निगरानी केंद्रों में से 37 के आंकड़े शेयर किए हैं। बवाना, बुराड़ी और जहांगीरपुरी में वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज की गई है।
दिल्ली के आसपास के इलाकों में हवा हुई जहरीली
दिल्ली से सटे नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद और फरीदाबाद में भी एक्यूआई बहुत खराब दर्ज की गई है। दिल्ली के आनंद विहार क्षेत्र में धुंध की एक परत छाई है। वहीं केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार AQI गिरकर 357 पर पहुंच गया है। यह 'बहुत खराब' श्रेणी में है। कालिंदी कुंज के आसपास यमुना नदी में जहरीली झाग तैरता हुआ नजर आया। बता दें कि सर्दियों के दौरान दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए ग्रैप टू लागू किया गया है। ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) के तहत इमरजेंसी उपायों में वायु गुणवत्ता को चार चरणों लागू किया जाता है।
बीजेपी और आप के बीच घमासान शुरू
दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने आम आदमी पार्टी सरकार पर जमकर निशाना साधा। गुप्ता ने सरकार पर आरोप लगाया है कि शहर में बढ़ते प्रदूषण को कंट्रोल करने में सरकार कामयाब नहीं रही है। गुप्ता ने आरोप लगाया कि दिल्ली के लोग घुटन भरी हवा में सांस लेने को मजबूर हैं। वहीं आम आदमी पार्टी "खोखले वादों और निम्न-स्तरीय राजनीति" में व्यस्त है। इस बीच गुप्ता के बयानों का जवाब देते हुए आम आदमी पार्टी ने कहा कि अगर गुप्ता और उनकी पार्टी को वास्तव में दिल्ली की चिंता है तो उन्हें नाटक बंद कर देना चाहिए। राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण की समस्या को खत्म करने के लिए भाजपा शासित राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम करना चाहिए।