Delhi Election Results 2025 News Updates: आठ फरवरी आम आदमी पार्टी (AAP) के लिए एक भूकंप की तरह आया, जिसने उनकी नींव हिला दी। अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली आम आदमी पार्टी दिल्ली विधानसभा के पिछले दो चुनावों में लगातार प्रचंड जीत हासिल करने के बाद अब अस्तित्व बचाने के सबसे बड़े संकट का सामना कर रही है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने शनिवार (8 फरवरी) को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली को AAP से छीन लिया। दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 70 में से 48 सीटों पर जीत दर्ज की है। लेकिन AAP को सिर्फ 22 सीट पर जीत मिली। इस हार के साथ AAP ने ना केवल अपनी राजनीतिक ताकत खो दी। बल्कि पिछले दशक में बनी अपराजेय रहने की अपनी प्रतिष्ठा भी गंवा दी।
दिल्ली में ही AAP का उदय हुआ था, जहां इसने अपनी सफलता की इबारत लिखी थी। अरविंद केजरीवाल नई दिल्ली सीट से हार गए और मनीष सिसोदिया, सत्येन्द्र जैन और सौरभ भारद्वाज जैसे अन्य पार्टी नेताओं को भी हार का सामना करना पड़ा। मुफ्त बिजली, पानी और शिक्षा सुधारों पर केंद्रित पार्टी का शासन मॉडल शहर के निवासियों के साथ तालमेल बिठाने में स्पष्ट रूप से विफल रहा।
केजरीवाल द्वारा मंदिर के पुजारियों को मासिक भत्ता देने का वादा करने के साथ उनका नरम हिंदुत्व भी मतदाताओं को रास नहीं आया। पार्टी को अब अपनी रणनीति को फिर से परिभाषित करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। इसे मतदाताओं के बीच विश्वास बहाल करने, भ्रष्टाचार के आरोपों से निपटने और अपने शासन मॉडल को मजबूत करने की भी जरूरत है। पार्टी पर अन्य राज्यों में पैठ बनाकर यह साबित करने का भी भारी दबाव होगा कि पंजाब में जीत कोई संयोग नहीं है।
क्या पंजाब भी AAP खतरे में है?
पंजाब में विपक्षी नेताओं ने शनिवार को दावा किया कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की हार ने यहां भी उसके पतन का मार्ग प्रशस्त कर दिया है। पिछले साल हुए लोकसभा चुनावों के बाद अब यह पार्टी के लिए दूसरा झटका है। लोकसभा चुनाव में 13 संसदीय सीट वाले पंजाब में आप केवल तीन सीट ही जीत सकी थी। AAP ने 2022 में हुए पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान कुल 117 विधानसभा सीट में से 92 सीटें जीतकर सत्ता हासिल की थी।
दिल्ली विधानसभा चुनावों से पहले मुख्यमंत्री भगवंत मान, मंत्रिमंडल के सदस्यों, सांसदों और विधायकों सहित आप की पूरी पंजाब इकाई ने राजधानी में चुनाव प्रचार में बढ़चढकर हिस्सा लिया था। पंजाब में विपक्षी दलों ने शनिवार को सत्तारूढ़ आप की आलोचना की। उन्होंने कहा कि दिल्ली के लोगों ने AAP के झूठ और धोखे को उजागर कर दिया है। उन्होंने मान सरकार पर निशाना साधते हुए कुशासन और झूठे वादों से मतदाताओं को धोखा देने का आरोप लगाया।
अब पंजाब में AAP टूट जाएगी?
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रताप सिंह बाजवा ने आरोप लगाया कि अब पंजाब में AAP पार्टी टूट जाएगी। भगवंत मान और अरविंद केजरीवाल के बीच अंदरूनी सत्ता संघर्ष होगा। पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता बाजवा ने आरोप लगाया कि केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और अन्य लोग भ्रष्टाचार और अहंकार में डूबे रहने के कारण दिल्ली विधानसभा की सीट हार गए।
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में कहा, "आम आदमी पार्टी को दिल्ली में अपमानजनक हार का स्वाद चखना पड़ा। इस हार के साथ ही छल, झूठ और खोखले वादों का शासन समाप्त हो गया है।" कांग्रेस विधायक सुखपाल सिंह खैरा ने कहा कि दिल्ली में आप की हार नकली क्रांतिकारियों की हार है, जो वीआईपी कल्चर, लोकपाल, स्वराज और भ्रष्टाचार को खत्म करने जैसे अपने हर वादे से सचमुच मुकर गए।
बीजेपी की पंजाब इकाई के महासचिव सुभाष शर्मा ने पीटीआई से कहा, "यह अरविंद केजरीवाल के झूठ, धोखे और बेईमानी की हार है। दिल्ली के लोगों ने आज दिखा दिया कि आप झूठे वादे करके लंबे समय तक राज्य पर शासन नहीं कर सकते।" BJP की पंजाब इकाई के उपाध्यक्ष और पूर्व विधायक अरविंद खन्ना ने कहा कि दिल्ली की जनता ने AAP के तथाकथित विकास मॉडल को पूरी तरह से खारिज कर दिया है।