Electric Vehicles in Delhi: दिल्ली सरकार ने मोटर व्हीकल एग्रीगेटर्स स्कीम 2021 (Motor Vehicle Aggregators Scheme, 2021) का मसौदा जारी कर दिया है, जिसमें ऑनलाइन पैसेंजर और कमर्शियल वाहन ऑपरेटरों से इलेक्ट्रिक वाहनों (electric vehicles- EV) को तेजी से अपनाने का आह्वान किया गया है।
एग्रीगेटर्स स्कीम के अनुसार, इलेक्ट्रिफिकेशन का लक्ष्य केवल Uber, Olacabs और इनके जैसे अन्य ऑपरेटरों को दायरे में लाई जा रही, जो नई कारों के लिए लागू होंगे। इन एग्रीगेटर्स के तहत पहले से रजिस्टर्ड पुराने वाहन फिलहाल पहले की तरह अपनी सर्विस जारी रखेंगे।
दिल्ली सरकार ने शनिवार को एक एग्रीगेटर पॉलिसी मसौदा नीति अधिसूचित की जिसके तहत ई-कॉमर्स सेवा, खाद्य पदार्थों की आपूर्ति करने वाली और कैब सुविधा देने वाली कंपनियों को नए वाहन खरीदते समय अब अनिवार्य रूप से इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने होंगे।
इस संबंध में एक सरकारी बयान में कहा गया है कि राइड एग्रीगेटर और डिलीवरी सेवाओं को अपने नए बेड़े में अनिवार्य रूप से इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाना होगा। केजरीवाल सरकार भारत में ईवी बेड़े को अनिवार्य करने के लिए एग्रीगेटर नीति मसौदा तैयार करने वाली पहली सरकार बन गई है। मसौदा नीति को 60 दिनों के लिए जनता की राय के वास्ते रखा गया है।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि नीति एग्रीगेटर उद्योग को पर्यावरण के अनुकूल बनने के लिए आवश्यक प्रोत्साहन प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि एग्रीगेटर और डिलीवरी सेवाओं को यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता होगी कि सभी नए दोपहिया वाहनों में से 10 प्रतिशत और सभी नए चार पहिया वाहनों में से पांच प्रतिशत अगले तीन महीनों में इलेक्ट्रिक वाहन हों, जबकि मार्च 2023 तक सभी नए दोपहिया वाहनों में से 50 प्रतिशत और सभी नए चौपहिया वाहनों में से 25 प्रतिशत वाहन इलेक्ट्रिक हों।
राय ने आगे कहा कि दिल्ली सरकार एनसीआर क्षेत्र से संबंधित अन्य राज्यों को भी नीति अपनाने के लिए निर्देश देने के वास्ते वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग को एक अभ्यावेदन देगी। योजना में कहा गया है कि 50 से अधिक वाहनों के बेड़े के साथ काम करने वाले किसी भी वाहन एग्रीगेटर को अपनी आवश्यकताओं का अनुपालन करने की आवश्यकता होगी।