Chhath Puja 2024: बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने यमुना नदी में छठ पूजा मनाने पर लगाई रोक को हटाने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने प्रदूषण की वजह से यमुना में छठ मनाने पर प्रतिबंध लगा दिया था। हाई कोर्ट के इस फैसले को मां जानकी पूजा समिति के सचिव केके मिश्रा ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। वहीं कोर्ट के इस फैसले के बाद पूर्वांचल के लोगों का गु्स्सा दिल्ली सरकार और केजरीवाल के खिलाफ देखने को मिल रही है।
कोर्ट के फैसले के बाद लोगों का कहना है कि सरकार और कोर्ट को यमुना की सफाई पर ध्यान देना चाहिए। लोगों का कहना है कि यमुना की सफाई करने की बजाय सीधा पूर्वांचल के लोगों के सबसे बड़े महापर्व छठ पर रोक लगा दिया है, जो कि बहुत ही गलत है।
आने वाले चुनाव में भुगतना होगा परिणाम
मां जानकी पूजा समिति के अध्यक्ष संतोष चौधरी का कहना है कि दिल्ली सरकार को पूर्वांचल के लोगों का सबसे बड़ा पर्व छठ को गंभीरता से लेना चाहिए। वहीं वह आगे कहते हैं कि इस पर केंद्र की मोदी सरकार को भी गंभीरता से सोचने की जरूरत है। हाईकोर्ट ने जो रोक लगाई है उसका खामियाजा केंद्र और दिल्ली सरकार दोनों को उठाना पड़ेगा।
वहीं इस मामले को लेकर संयोजक के एन झा का कहना है कि हाईकोर्ट ने महापर्व छठ को लेकर जो फैसला दिया है उसको कहीं से भी सही नहीं कहा जा सकता है। इसकी जितनी निंदा करें वह कम है। उनका कहना है कि हमारी समिति ने पहले भी दिल्ली के मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था, जिसमें छठ पर यमुना की सफाई और अन्य व्यवस्थाओं के बारे में बताया गाय था। लेकिन दिल्ली सरकार ने इसपर कोई ध्यान नहीं दिया।
यमुना में छठ पूजा पर रोक है दुर्भाग्यपूर्ण
मां जानकी पूजा समिति के कई सारे सदस्यों का कहना है कि छठ पूजा बिहार और यूपी के लोगों के लिए आस्था का सबसे बड़ा पर्व है। लेकिन इस पर्व पर इस तरह की रोक लगना बहुत ही दुर्गभाग्यपूर्ण और गलत है। द्वारका पालम छठ पूजा समिति के अध्यक्ष मनोज झा का कहना है कि छठ पूजा हमारे लिए सबसे बड़े आस्था का त्योहार है। दिल्ली में पूर्वांचल के लोगों की संख्या भी अच्छी है, लेकिन इन सब के बावजूद हाई कोर्ट का रोक लगाना दिल्ली सरकार की ओर से यमुना की सफाई न करवाना और केंद्र सरकार की ओर से सहयोग न करना यह सभी दुर्भाग्यपूर्ण है।
सरकार के कई बार वादों के बाद भी नहीं हो पा रही है यमुना की सफाई
दिल्ली के पर्व मुख्यमंत्री अरविंद्र केजरीवाल ने यमुना की गंदगी को लेकर कई बार वादें किए हैं। लेकिन उसके बावजूद भी यमुना अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही हैं। दिल्ली सरकार ने पिछले दिनों ही यमुना को 2025 तक साफ करने के एजेंडे रखा है। लेकिन कोर्ट का प्रदूषण की वजह से महापर्व छठ पर लगाई गई रोक सरकार के पूरे एजेंडे की पोल खोल देता है। इस मसले पर काफी राजनीति भी होती है लेकिन सारी चीजों के बाद भी यमुना की सफाई नहीं हो पा रही है।