देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की हवा एक बार फिर से जहरीली हो गई है। सोमवार को रात 9 बजे दिल्ली का एक्यूआई 399 दर्ज किया गया। फिर रात 10 बजे यह 400 के पार पहुंच गया। यह गंभीर स्तर माना जाता है। इस बीच प्रदूषण कंट्रोल करने के लिए सीपीसीबी और पर्यावरण मंत्रालय की ओर से गठित सीएक्यूएम ने एक इमरजेंसी बैठक बुलाई। इस बैठक में सीएक्यूएम ने पूरे दिल्ली-एनसीआर में ग्रैप-4 की पाबंदियां लागू करने का फैसला किया है। लिहाजा आज (17 दिसंबर 2024) से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के चौथे चरण को लागू कर दिया गया है। इससे पहले 16 दिसंबर 2024 को दोपहर में ग्रैप का तीसरा चरण लागू किया गया था। इसके तहत के कई पाबंदियां लगाई गई हैं।
ग्रैप 4 के तहत हाईवे और फ्लाईओवर जैसी पब्लिक प्रोजेक्ट्स समेत सभी तरह के कंस्ट्रक्शन और तोड़फोड़ की गतिविधियों पर रोक रहेगी। इसके साथ ही गैर-जरूरी सामान ले जाने वाले ट्रकों की भी दिल्ली में एंट्री बैन रहेगी। वहीं ग्रैप 4 के तहत दिल्ली एनसीआर में 9वीं तक और 11वीं क्लास भी अब हाईब्रिड मोड में चलेगी। यानी ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड में स्कूल चलेंगे। सिर्फ दसवीं और 12वीं क्लास का फैसला स्कूल ले सकता है। ग्रैप 3 में पहले से ही पांचवीं क्लास तक हाइब्रिड मोड लागू किया गया था।
जानिए दिल्ली के किस इलाके में कितना है AQI
इससे पहले सोमवार (16 दिसंबर) को दिल्ली-एनसीआर में हवा की क्वालिटी पर नजर रखने के लिए केंद्र द्वारा गठित समिति ने ग्रैप 3 लागू किया था। यहां शाम चार बजे दर्ज किया जाने वाला दिल्ली का 24 घंटे का औसत एक्यूआई सोमवार को 379 दर्ज किया गया था। इसके बाद ये बढ़ता चला गया और रात दस बजे ये बढ़कर 400 तक पहुंच गया जो कि काफी गंभीर माना जाता है। इसके बाद ग्रैप 4 लागू करना पड़ा। रोहिणी में AQI 451, पंजाबी बाग में 447, वजीरपुर में 446, विवेव विहार में 446, और नेहरू नगर में AQI 441 दर्ज किया गया। इसी तरह आईटीओ में 425, मंदिर मार्ग में 412 और मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में AQI 411 दर्ज किया गया।
दिल्ली-एनसीआर में हाइब्रिड मोड में चलेंगी क्लासेस
दिल्ली और एनसीआर में GRAP स्टेज-4 के तहत वायु प्रदूषण के खतरनाक स्तर को देखते हुए कक्षाओं पर नए दिशा.-निर्देश जारी किए गए हैं। दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और नोएडा में कक्षा VI से IX और XI तक की पढ़ाई अब हाइब्रिड मोड में होगी। हाइब्रिड मोड का मतलब है कि छात्र फिजिकल और ऑनलाइन मोड दोनों विकल्पों का उपयोग कर सकते हैं। बच्चों के स्वास्थ्य की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए यह कदम उठाया गया है। वायु प्रदूषण के कारण स्कूलों में फिजिकल उपस्थिति मौजूद रहना कोई जरूरी नहीं है। ऑनलाइन क्लासेस भी अटेंड कर सकते हैं। सरकार ने सभी स्कूलों को निर्देशदिया है कि वे इस फैसले का पालन करें।