Diabetes: चीनी का सेवन सेहत के लिए हानिकारक होता है। ये हर कोई जानता है। डायबिटीज के मरीजों के लिए चीनी किसी जहर से कम नहीं होती है। इसलिए डायबिटीज के मरीजों को मीठा या चीनी का सेवन कम करने की सलाह दी जाती है। कई लोगों का मानना है कि डायबिटीज के मरीज मिश्री का सेवन कर सकते हैं। वैसे बता दें कि मिश्री और चीनी दोनों हीं गन्ने से बनाए जाते हैं। लेकिन दोनो को बनाने का तरीका अलग-अलग है। मिश्री अनरिफाइंड होती है। चीनी रिफाइंड होती हैं। मिश्री को भारत में कैंडी के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।
डायबिटीज के रोगी इस सोच में पड़ जाते हैं कि वो मिश्री का सेवन कर सकते हैं या नहीं। ऐसे में अब आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। यहां हम आपको बताएंगे कि आपको मिश्री का सेवन करना चाहिए या नहीं।
क्या डायबिटीज के रोगी कर सकते हैं मिश्री का सेवन?
मिश्री चीनी की कंसेस्ट्रेटेड फॉर्म होती है। लिहाजा इसका सेवन करते समय और ज्यादा अधिक ध्यान देना होता है। वहीं जब डायबिटीज के मरीजो की सुरक्षा की बात आती है तो उस चीज का ध्यान रखना होता है जो उनके लिए सबसे बेहतर हो। चीनी में फ्रुक्टोज और ग्लोकोज होता है। जबकि मिश्री में भी ये चीनी के बाराबर ही होता है। इसलिए डायबिटीज के मरीजों को मिश्री का सेवन अधिक नहीं करना चाहिए। मिश्री का ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी नॉर्मल चीनी जितना ही होता है। मिश्री की तासीर ठंडी होती है। लिहाजा डायबिटीज के मरीजों को मिश्री बेहद कम मात्रा में सेवन कर सकते हैं। हालांकि इस मामले में डॉक्टर से सलाह लेना भी जरूरी है।
जानिए कितनी तरह की होती है मिश्री
मिश्री दो तरह की होती है। पहली जो शुगर मिल्स में बनाई जाती है जो कि ज्यादातर दुकानों पर मिलती है। इसका सेवन तो डायबिटीज के मरीजो को बिलकुल भी नहीं करना चाहिए। ये आपको नुकसान पहुंचा सकती है। वहीं दूसरी तरह की मिश्री वह पारंपरिक तरीके से बनाई जाती थी । उसे खांड सार वाली मिश्री कहा जाता है। ये मिश्री डायबिटीज के मरीजो को ज्यादा नुकसान नहीं पहुचाती है।