Diabetes: पूरी दुनिया में डायबिटीज की बीमारी तेजी से लोगों को अपनी चपेट में ले रही है। बहुत से लोग इस भागदौड़ भरी जिंदगी में एक्सरसाइज करने तक का समय नहीं निकाल पाते हैं। ऐसे में वो लोग डायबिटीज जैसी कई बीमारियों के शिकार हो जाते हैँ। आज दुनिया भर में 42.2 करोड़ लोग टाइप 1 या टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के मुताबिक. डायबिटीज से हर साल कीर 15 लाख लोगों की मौत हो रही है। डायबिटीज के मरीजों में ब्लड शुगर का लेवल कभी-कभी 300 या 400 के पार भी चला जाता है। यह एक खतरनाक स्थिति है और इसमें मरीज को तत्काल डॉक्टर के पास जाना बेहद जरूरी है।
डॉक्टरों का कहना है कि ड्रग्स और इंसुलिन के डोज के बाद भी अगर शुगर लेवल कंट्रोल न रहे तो इसका इलाजा करना चाहिए। डॉक्टरों का मानना है कि कई बार अनकंट्रोल लेवल पर शुगर होने के बाद भी इंसान को लक्षण नहीं दिखता। कई बार अनकंट्रोल होने के बाद भी उन पर असर नहीं होता है। वहीं कई बार इसका अचानक असर दिखाई देने लगता है।
डॉक्टरों का कहना है कि ब्लड शुगर 300 से उपर जाना अपने आप में घातक है। टाइप 1 डायबिटीज से पीड़ित मरीजों में यह स्थिति और ज्यादा घातक है। इसकी वजह ये है कि उनमें पहले से ही इंसुलिन नहीं बनता है। इस कारण खून में जितने भी ग्लूकोज है वह हानिकारक एसिड में बदलने लगता है, जो ज्यादा घातक होता है। इससे हार्ट और नसों पर बुरा असर पड़ता है। अगर ब्लड शुगर 400 से उपर चला जाए तो रिस्क और ज्यादा बढ़ जाता है।
जब शुगर लेवल बढ़ जाता है तो बहुत ज्यादा प्यास लगने लगती है। इसमें बार-बार पेशाब लगने लगता है। इसके अलावा बहुत अधिक कमजोरी, बेचैनी, देखने में दिक्कत, कंफ्यूजन, पेट में दर्द, सांसों से फ्रूट जैसा स्मेल जैसी शिकायतें बढ़ने लगती हैं।
इस समस्या को ठीक करने के लिए आपको पहला कदम यह उठाना चाहिए कि आप अलग-अलग समय अंतराल पर (दोपहर के भोजन से पहले और बाद में, रात के खाने से पहले और बाद में, और नाश्ते से पहले और बाद में) कई बार शुगर की जांच करें और उसके अनुसार खुराक निर्धारित करें। वहीं एक्सरसाइज पर खास तौर से ध्यान देना चाहिए। एक्सरसाइज बॉडी के रेस्पोंस को बढ़ाती है। इसके साथ ही इंसुलिन को बेहतर तरीके से काम करने या इंसुलिन रेसिस्टेंट को कम करने के लिए कुछ ओरल एंटी-डायबिटिक मेडिसिन का भी उपयोग कर सकते हैं।