उत्तराखंड के कई इलाकों में लगातार भूकंप के झटकों से लोग घबराए हुए हैं। खासतौर पर उत्तरकाशी में बीते आठ दिनों में आठ बार धरती हिल चुकी है, जिससे दहशत का माहौल है। वैज्ञानिकों का कहना है कि हिमालय के नीचे भूगर्भीय हलचल तेज हो रही है, जो इन झटकों की मुख्य वजह है। उत्तरकाशी जिस इलाके में बसा है, वहां धरती के अंदर मौजूद टेक्टोनिक प्लेट्स टकरा रही हैं, जिससे बार-बार कंपन महसूस किया जा रहा है। लोग अब हल्की सी भी हलचल पर सतर्क हो जाते हैं और घबराहट में घरों से बाहर निकलने लगते हैं।
हालांकि, अभी तक कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन लगातार आ रहे झटकों ने चिंता बढ़ा दी है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस क्षेत्र में भविष्य में बड़ा भूकंप आ सकता है, इसलिए सतर्क रहने और सुरक्षा के उपाय अपनाने की जरूरत है।
क्यों आता है उत्तराखंड में बार-बार भूकंप?
भूवैज्ञानिकों के मुताबिक, उत्तराखंड हिमालय के उस हिस्से में आता है, जहां धरती के अंदर मौजूद दो बड़ी टेक्टोनिक प्लेटें – इंडियन और यूरेशियन प्लेट – लगातार टकरा रही हैं। इस टकराव के कारण ऊर्जा निकलती है और भूकंप के झटके महसूस होते हैं।
मुख्य केंद्रीय भ्रंश: भूकंप की जड़
उत्तराखंड में बार-बार भूकंप आने की एक अहम वजह मुख्य केंद्रीय भ्रंश (MCT) है, जो एक बड़ी भूगर्भीय दरार है। यह दरार उत्तर-पश्चिम से दक्षिण-पूर्व तक करीब 2200 किलोमीटर लंबी है। यह क्षेत्र बहुत संवेदनशील है, जहां धरती के अंदर लगातार हलचल होती रहती है।
उत्तरकाशी में आठ दिनों में आठ झटके
हाल ही में उत्तरकाशी में लगातार भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं:
24 जनवरी: तीन बार झटके आए, जिनमें से दो 2.5 और 3.5 मैग्नीट्यूड के थे।
25 जनवरी: दो झटके आए, जिनमें से एक 2.4 मैग्नीट्यूड का था।
31 जनवरी और 1 फरवरी: 2.7 मैग्नीट्यूड के झटके दर्ज किए गए।
उत्तराखंड में लगातार आ रहे झटके चिंता बढ़ा रहे हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि इस क्षेत्र में भविष्य में भी बड़े भूकंप आ सकते हैं, इसलिए सतर्क रहना बेहद जरूरी है।