पश्चिम बंगाल में शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम पर सैकड़ों लोगों ने हमला कर दिया। ED की टीम पर हमले का यह मामला उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखली (Sandeshkhali in North 24 Parganas district) गांव का है। यहां टीम कथित राशन वितरण घोटाले के सिलसिले में कई स्थानों पर छापेमारी करने गई थी। शुक्रवार सुबह ED की टीम छापेमारी करने उत्तर 24 परगना पहुंची थी। इस दौरान ED की टीम को यहां ग्रामीणों की भीड़ ने घेर लिया और उन पर हमला कर दिया। लोगों ने ED अधिकारियों के साथ-साथ केंद्रीय सुरक्षा बलों की गाड़ियों में भी तोड़फोड़ की है। टीम पर उस समय हमला किया गया जब वह तृणमूल कांग्रेस (TMC) के नेता शाहजहां शेख (Shah Jahan Sheikh) के घर के पास पहुंची थी।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, बाद में टीएमसी नेता को मामले में गिरफ्तार कर लिया गया। राशन घोटाला मामले में ED ने बनगांव में पूर्व बनगांव नगर पालिका अध्यक्ष शंकर आध्या के आवास पर भी छापेमारी की। रिपोर्ट के अनुसार, 200 से अधिक स्थानीय लोगों ने ED टीम के साथ आए प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों और केंद्रीय सशस्त्र अर्धसैनिक बलों को घेर लिया। भीड़ ने सरकारी अधिकारियों के वाहनों में तोड़फोड़ भी की।
प्रवर्तन निदेशालय की टीम पर हुए हमले के बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हमलावर हो गई है। BJP प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा कि जिस तरीके से आज संदेशखाली में ED पर हमला हुआ वो दिखाता है कि बंगाल में रोहिंग्या घुसकर राज्य में कानून-व्यवस्था के साथ क्या कर रहे हैं। ये सिर्फ ED के साथ नहीं बल्कि आने वाले समय में ऐसा बंगालियों के साथ भी होगा। ये सरकार रहेगी तो ऐसा होता रहेगा।" वहीं, विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति ''खस्ताहाल'' है।
बीजेपी ने की जांच की मांग
उन्होंने X पर लिखा, "भयानक। पश्चिम बंगाल में कानून-व्यवस्था की स्थिति जर्जर है। टीएमसी नेता शाहजहां शेख के घर पर छापेमारी के दौरान उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में ईडी अधिकारियों और CRPF जवानों पर बेरहमी से हमला किया गया। मुझे संदेह है कि हमलावर रोहिंग्या देश विरोधियों तत्वों के साथ मौजूद थे।" इसके अलावा, अधिकारी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस से भी आग्रह किया कि वे "इस गंभीर स्थिति का संज्ञान लें और इस अराजकता को कुचलने के लिए उचित कार्रवाई करें।" अधिकारी ने यह भी मांग की कि राष्ट्रीय जांच दल को मामले की जांच करनी चाहिए।
कथित राशन वितरण घोटाले के सिलसिले में पश्चिम बंगाल में प्रवर्तन निदेशालय की छापेमारी कई महीनों से जारी है। ED ने पहले खुलासा किया था कि पश्चिम बंगाल में लाभार्थियों के लिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) का लगभग 30 प्रतिशत राशन खुले बाजार में भेज दिया गया था। जांच एजेंसी ने कहा कि राशन की कथित चोरी से उत्पन्न अपराध की आय मिल मालिकों और PDS वितरकों के बीच साझा की गई थी।