भगवान गणेश के जन्म के रूप में गणेश चतुर्थी मनाई जाती है। भगवान गणेश एक पूजनीय देवता हैं। जिन्हें ज्ञान, समृद्धि और सौभाग्य से जोड़ा गया है। भगवान गणेश को गजानन, धूम्रकेतु, एकदंत, वक्रतुंड और सिद्धि विनायक समेत कई नामों से जाना जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास के शुक्ल की चतुर्थी से देशभर में गणेश चतुर्थी पर्व का शुभारंभ हो जाता है। यह पर्व मुख्य रूप से 10 दिनों तक चलता है। इस दौरान भक्त बप्पा को अपने घर लाते हैं और अनंत चतुर्दशी के दिन बप्पा की विदाई करते हैं।
इस साल गणेश चतुर्थी की शुरुआत 7 सितंबर से होगी। इसका समापन अनंत चतुर्दशी के दिन 17 सितंबर को होगा। वैसे तो यह पर्व पूरे भारत में बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। लेकिन खासतौर से इसकी धूम महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा मिलती है। गणेश उत्सव को भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है।
गणेश चतुर्थी 2024 शुभ मुहूर्त
पंडित भले राम शर्मा भारद्वाज का कहना है कि वैदिंग पंचांग के मुताबिक, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 6 सितंबर 2024 को दोपहर 03.01 से शुरू हो जाएगी। यह 7 सितंबर को शाम 05.37 मिनट तक रहेगी। ऐसे में उदया तिथि को देखते हुए गणेश चतुर्थी का त्योहार 7 सितंबर को मनाया जाएगा। इसी दिन गणपति की स्थापना की जाएगी। पंडित भलेराम शर्मा ने आगे बताया कि वैदिक कैलेंडर के तहत 7 सितंबर को सुबह 11.02 बजे से दोपहर 1.33 बजे तक गणेश जी की स्थापाना का शुभ मुहूर्त है। इसलिए 7 सितंबर को सूर्योदय से पहले स्नान करके भगवान गणेश के सामने व्रत का संकल्प लेकर व्रत करें। इससे गणेश चतुर्थी (सिद्धि विनायक) व्रत का फल कई गुना बढ़ जाएगा। परिवार में खुशियां आने लगती है। सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। धन की कमी भी दूर हो जाती है।
गणेश चतुर्थी 2024 पूजा विधि
1 - गणेश चतुर्थी पर्व पर कुछ खास बातों का ध्यान बेहद जरूरी है।
2 - सुबह जल्दी उठकर स्नान-ध्यान करें और पूजा स्थल की अच्छे से साफ सफाई करें।
3 - इसके बाद भगवान गणेश की विधिवत उपासना करें।
4 - उपासना के लिए शुभ मुहूर्त के समय ईशान कोण में चौकी स्थापित करें।
5 - इसके बाद पीला या लाल रंग का कपड़ा चौकी पर बिछाएं।
6 - अब भगवान गणेश को चौकी पर विराजमान करें।
7 - फिर रोजाना भगवान गणेश की उपासना करें।
8 - अंतिम दिन श्रद्धापूर्वक भगवान गणेश को विदा करें।
लड्डू - भगवान गणेश को लड्डू का भोग लगाया जाता है। आप बेसन या बूंदी से बने लड्डू का भोग लगा सकते हैं।
मोदक- इसके अलावा बप्पा को मोदक बहुत ही पसंद माने जाते हैं। पुराणों में जिक्र का गया है कि गणेश जी बचपन में अपनी मां माता पार्वती के बनाए गए मोदक पलभर में चट कर जाते थे।
गणेश चतुर्थी पर गणेश जी की पूजा करने से सुख-समृद्धि आती है। इसके साथ ही सभी कष्टों से छुटकारा मिल जाता है। सभी तरह के काम होने लगते हैं। घर पर गणेश स्थापना करने से गणेश जी घर के सभी विघ्नों को हर लेते हैं।
ऐसा माना जाता है कि गणेश चतुर्थी की शुरुआत 12वीं शताब्दी में महाराष्ट्र में हुई थी। इस त्योहार को मराठा राजा शिवाजी महाराज ने लोकप्रिय बनाया था। उन्होंने इस त्योहार की शुरुआत अपने लोगों को एकजुट करने और हिंदू संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए किया था। शुरुआती दौर में इसे सिर्फ महाराष्ट्र में मनाया जाता था। लेकिन बाद में यह भारत और दुनिया के अन्य हिस्सों में फैल गया। यह त्यौहार अब भारत, नेपाल, मॉरीशस और दक्षिण अफ्रीका समेत कई देशों में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है।