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Ganesh Chaturthi 2024: 7 सितंबर को घर पर पधारेंगे गणपति, जानिए इतिहास, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि समेत पूरी डिटेल

Ganesh Chaturthi 2024: गणपति उत्सव की शुरुआत इस साल 7 सितंबर से होगी। यह उत्सव 10 दिन तक मनाया जाता है। 17 सितंबर को अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश जी की मूर्तियों का विसर्जन होगा। इसे गणेश चतुर्थी, गणेश उत्सव या विनायक चतुर्थी भी कहा जाता है। हर साल गणेश चतुर्थी का पर्व भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है

Jitendra Singhअपडेटेड Sep 04, 2024 पर 11:14 AM
Ganesh Chaturthi 2024: 7 सितंबर को घर पर पधारेंगे गणपति, जानिए इतिहास, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि समेत पूरी डिटेल
Ganesh Chaturthi 2024: पूजा का शुभ मुहूर्त 7 सितंबर को सुबह 11.02 बजे से दोपहर 1.33 बजे तक है।

भगवान गणेश के जन्म के रूप में गणेश चतुर्थी मनाई जाती है। भगवान गणेश एक पूजनीय देवता हैं। जिन्हें ज्ञान, समृद्धि और सौभाग्य से जोड़ा गया है। भगवान गणेश को गजानन, धूम्रकेतु, एकदंत, वक्रतुंड और सिद्धि विनायक समेत कई नामों से जाना जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास के शुक्ल की चतुर्थी से देशभर में गणेश चतुर्थी पर्व का शुभारंभ हो जाता है। यह पर्व मुख्य रूप से 10 दिनों तक चलता है। इस दौरान भक्त बप्पा को अपने घर लाते हैं और अनंत चतुर्दशी के दिन बप्पा की विदाई करते हैं।

इस साल गणेश चतुर्थी की शुरुआत 7 सितंबर से होगी। इसका समापन अनंत चतुर्दशी के दिन 17 सितंबर को होगा। वैसे तो यह पर्व पूरे भारत में बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। लेकिन खासतौर से इसकी धूम महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा मिलती है। गणेश उत्सव को भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है।

गणेश चतुर्थी 2024 शुभ मुहूर्त

पंडित भले राम शर्मा भारद्वाज का कहना है कि वैदिंग पंचांग के मुताबिक, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 6 सितंबर 2024 को दोपहर 03.01 से शुरू हो जाएगी। यह 7 सितंबर को शाम 05.37 मिनट तक रहेगी। ऐसे में उदया तिथि को देखते हुए गणेश चतुर्थी का त्योहार 7 सितंबर को मनाया जाएगा। इसी दिन गणपति की स्थापना की जाएगी। पंडित भलेराम शर्मा ने आगे बताया कि वैदिक कैलेंडर के तहत 7 सितंबर को सुबह 11.02 बजे से दोपहर 1.33 बजे तक गणेश जी की स्थापाना का शुभ मुहूर्त है। इसलिए 7 सितंबर को सूर्योदय से पहले स्नान करके भगवान गणेश के सामने व्रत का संकल्प लेकर व्रत करें। इससे गणेश चतुर्थी (सिद्धि विनायक) व्रत का फल कई गुना बढ़ जाएगा। परिवार में खुशियां आने लगती है। सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। धन की कमी भी दूर हो जाती है।

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