Credit Cards

Ganesh Visarjan 2024: डेढ़ दिन के गणपति का विसर्जन आज, जानें सही मुहूर्त, विधि और नियम

Ganesh Chaturthi Visarjan 2024: गणेश चतुर्थी के बाद आज (8 सितंबर 2024) डेढ़ दिन के विसर्जन शुरू हो जाएंगे। बहुत से लोग घरों में डेढ़ दिन के लिए गणपति को स्थापित करते हैं। विसर्जन से पहले शुभ मुहूर्त, विसर्जन के नियम और विधि मालूम होना बेहद जरूरी है। आइये जानते हैं क्या हैं नियम

अपडेटेड Sep 08, 2024 पर 11:33 AM
Story continues below Advertisement
Ganesh Chaturthi Visarjan 2024: गणपति जी के विसर्जन से पहले उनकी विधि-विधान पूर्वक पूजा करनी चाहिए।

हिंदू धर्म में गणेश जी की पूजा विशेष महत्व है। बप्पा को विघ्नहर्ता, खुशकर्ता, विनायक आदि कई नामों से भी जाना जाता है। किसी भी मांगलिक काम से पहले गणेश जी की पूजा की जाती है। गणेश चतुर्थी के 10वें दिन यानी अनंत चतुर्दशी के दिन गणपित विसर्जन किया जाता है। कुछ लोग डेढ़, तीन, पांच या सातवें दिन भी गणपति विसर्जन करते हैं। ऐसे में अगर आपने डेढ़ दिन के लिए गणपति स्थापित किया है तो आज (8 सितंबर 2024) करना होगा। विसर्जन से पहले शुभ मुहूर्त, विसर्जन के नियम जैसे तमाम जानकारी होना बेहद जरूरी है।

गणेश विसर्जन चतुर्थी तिथि के दिन ही पूजा करने बाद भी किया जा सकता है। हिंदू धर्म में देवी-देवताओं की पूजा विधि का समापन विसर्जन के बाद ही होता है। हालांकि चतुर्थी तिथि के दिन ही गणेश जी का विसर्जन बहुत कम किया जाता है। गणेश चुतर्थी (7 सितंबर 2024) के दूसरे दिन यानी आज (8 सितंबर 2024) को डेढ़ दिन का विसर्जन किया जाता है।

डेढ़ दिन के गणपति के विसर्जन का शुभ मुहूर्त


गणेश विसर्जन चतुर्थी तिथि के अगले दिन (डेढ़ दिन बाद) किया जा सकता है। गणेश स्थापना चतुर्थी तिथि के दिन आमतौर पर दोपहर में होती है। विसर्जन दोपहर के बाद किया जाता है। इसलिए इसे डेढ़ दिन में गणेश विसर्जन कहा जाता है। एक और आधा दिन (डेढ़ दिन) के बाद गणेश विसर्जन रविवार, 8 सितंबर 2024 को है। पंडित भले राम शर्मा भारद्वाज का कहना है कि दोपहर 1.52 बजे से 3.26 बजे के तक विसर्जन किया जा सकता है। इसके बाद शाम को 6:34 से 7:43 मिनट तक किया जा सकता है।

विसर्जन से पहले करें ये काम

गणपति जी के विसर्जन से पहले उनकी विधि-विधान पूर्वक पूजा करनी चाहिए। गणेश जी को लाल चन्दन, लाल पुष्प, दूर्वा, बेसन के लड्डू, पान, सुपारी, धूप-दीप आदि गणपति को अर्पित करें। परिवार के साथ गणपति की आरती करें। अगर संभव हो तो आप हवन भी कर सकते हैं। मान्यता है कि अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश जी अपने घर लौटते हैं। ऐसे में उन्हें खाली हाथ विदा नहीं करना चाहिए। लिहाजा विसर्जन से पहले उनके हाथ में लड्डू की पोटली दे सकते हैं।

विर्सजन के नियम

1 - विसर्जन हमेशा शुभ मुहूर्त को देखकर करना चाहिए।

2 - पूजा में गणपति को चढ़ाई गई सामग्री को साथ में ही विसर्जित कर देना चाहिए।

3 - अगर आपने गणेश जी को नारियल चढ़ाया है तो फोड़े नहीं उसे साथ में ही विसर्जित कर दें।

4 - गणेश जी की प्रतिमा में पूरी श्रृद्धा के साथ जल में बहाएं।

5 - इस दिन धूम-धाम से बप्पा को विदाई दें, साथ ही अगले साल आने की प्रार्थना करें।

इस तरह करें विसर्जन

अगर मिट्टी की छोटी मूर्ति है तो अपने घर पर ही पानी के टब में गणपति जी का विसर्जन कर सकते हैं। मिट्टी घुलने के बाद पानी को गमलों में डाल दें। अगर मूर्ति बड़ी है किसी नियत स्थान या तालाब में विसर्जन कर सकते हैं। विसर्जन के दौरान गणपति से फिर से आने के लिए कहें। बप्पा के विसर्जन के समय स्वच्छता का पूरा ध्यान रखना चाहिए। मन में बुरे विचार लाने से बचना चाहिए। इसके साथ ही विसर्जन के बाद भी मांस-मदिरा आदि के सेवन से बचना चाहिए। साथ ही इस दिन काले रंग के कपड़े भी नहीं पहनने चाहिए।

Lalbaugcha Raja Darshan: लालबाग राजा के ऑनलाइन करें दर्शन, घर बैठे मिलेगा प्रसाद, ऑर्डर के लिए चेक करें लिंक

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।