Odisha Train Tragedy: अरबपति कारोबारी गौतम अदाणी (Gautam Adani) ने ओडिशा के बालासोर के बहनागा बाजार में शुक्रवार को हुए देश के सबसे भयावह ट्रेन हादसे में अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों को मुफ्त स्कूली शिक्षा देने की पेशकश करते हुए कहा कि ट्रेन दुर्घटना बेहद परेशान करने वाली है। गौतम अदाणी ने रविवार को एक ट्वीट में कहा कि पीड़ितों और उनके परिवारों का समर्थन करना एवं अनाथ बच्चों को बेहतर कल देना सभी की संयुक्त जिम्मेदारी है। बता दें कि इस भयावह ट्रेन हादसे में 275 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 1000 से अधिक लोग घायल हैं। इस भयावह रेल हादसे ने देश को झकझोर दिया है। अपनों की तलाश में लोग दर-दर भटक रहे हैं।
इस बीच देश से बड़े उद्योगपति और अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी ने मदद के लिए हाथ बढ़ाया है। अदाणी ने ने रविवार को एक ट्वीट में लिखा, "उड़ीसा की रेल दुर्घटना से हम सभी बेहद व्यथित हैं। हमने फैसला लिया है कि जिन मासूमों ने इस हादसे में अपने अभिभावकों को खोया है उनकी स्कूली शिक्षा की जिम्मेदारी अदाणी समूह उठाएगा। पीड़ितों एवं उनके परिजनों को संबल और बच्चों को बेहतर कल मिले यह हम सभी की संयुक्त जिम्मेदारी है।"
आपको बता दें कि कोरोमंडल एक्सप्रेस दो मई की शाम करीब 7 बजे एक खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई, जिससे इसके अधिकतर डिब्बे पटरी से उतर गए। कोरोमंडल एक्सप्रेस के कुछ डिब्बे उसी समय वहां से गुजर रही बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस के कुछ पिछले डिब्बों पर पलट गए। ओडिशा के बालासोर जिले में शुक्रवार को हुए रेल हादसे की जांचकर्ता मानवीय त्रुटि, सिग्नल फेल होने और अन्य संभावित पहलुओं से जांच कर रहे हैं।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रविवार को कहा कि ओड़िशा के बालासोर जिले में हुई भीषण रेल दुर्घटना इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम (Electronic Interlocking System) में बदलाव के कारण हुई है। वैष्णव ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा कि दुर्घटना के कारण और इसके लिए जिम्मेदार लोगों की पहचान कर ली गई है। उन्होंने कहा कि रेल हादसे की जांच पूरी हो चुकी है और रेल सुरक्षा आयोग जल्द ही अपनी रिपोर्ट सौंपेगा।
रेल मंत्री ने कहा कि रिपोर्ट के आधार पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि यह हादसा इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग में बदलाव की वजह से हुआ है। अश्विनी वैष्णव ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि असली समस्या इलेक्ट्रिक प्वाइंट मशीन को लेकर थी। रेलवे में सिग्नल और इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है।