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Odisha Train Tragedy: सिर्फ कोरोमंडल एक्सप्रेस हुई थी हादसे का शिकार, कवच नहीं रोक सकता था एक्सीडेंट

Balasore Train Accident: घटना की चपेट में सिर्फ कोरोमंडल आई थी। कोई मालगाड़ी पटरी से नहीं उतरी। चूंकि मालगाड़ी लौह अयस्क ले जा रही थी, इसलिए सबसे ज्यादा नुकसान कोरोमंडल एक्सप्रेस को हुआ। यह बड़ी संख्या में मौतों और चोटों का कारण है। कोरोमंडल एक्सप्रेस की पटरी से उतरी बोगियां डाउन लाइन पर आ गईं, और यशवंतपुर एक्सप्रेस की आखिरी दो बोगियों से टकरा गईं, जो डाउन लाइन से 126 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से पार कर रही थी

अपडेटेड Jun 04, 2023 पर 6:15 PM
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Balasore Train Accident: रेलवे बोर्ड की तरफ से कहा गया है कि तीन नहीं, बल्कि केवल कोरोमंडल ट्रेन के साथ हादसा हुआ था

Odisha Train Tragedy: रेलवे बोर्ड ने रविवार (4 जून) को उन घटनाओं के बारे में विस्तार से बताया जिसके कारण ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार की रात विनाशकारी ट्रेन दुर्घटना हुई। रेलवे बोर्ड की सदस्य ऑपरेशन एंड बिजनेस डेवलपमेंट जया वर्मा सिन्हा (Jaya Varma Sinha) ने बताया कि रेलवे ने हादसे के बाद सबसे पहले राहत और बचाव कार्य किया उसके बाद मरम्मत का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि बहानागा स्टेशन पर 4 लाइने हैं। इसमें 2 मेन लाइन है। लूप लाइन पर एक माल गाड़ी थी। स्टेशन पर ड्राइवर को ग्रीन सिग्नल मिली थी। दोनों गाड़ियां अपने पूरे स्पीड पर चल रही थी। प्रारंभिक जांच में लग रहा है कि सिग्नल में गड़बड़ी हुई है।

उन्होंने कहा कि केवल एक ट्रेन दुर्घटना का शिकार हुई थी। रेलवे बोर्ड की तरफ से कहा गया है कि तीन नहीं, बल्कि केवल कोरोमंडल ट्रेन के साथ हादसा हुआ था। वह पहले जिस मालगाड़ी से टकराई उसमें लोहा लदा हुआ था। इस वजह से मालगाड़ी अपनी जगह से हिली तक नहीं। वहीं, कोरोमंडल के डिब्बे दूसरी पटरी पर जा गिरे। यहां यशवंतपुर ट्रेन के आखिरी दो डिब्बों से उसकी टक्कर हो गई।

जया वर्मा ने बताया, "घटना की चपेट में सिर्फ कोरोमंडल आई थी। कोई मालगाड़ी पटरी से नहीं उतरी। चूंकि मालगाड़ी लौह अयस्क ले जा रही थी, इसलिए सबसे ज्यादा नुकसान कोरोमंडल एक्सप्रेस को हुआ। यह बड़ी संख्या में मौतों और चोटों का कारण है। कोरोमंडल एक्सप्रेस की पटरी से उतरी बोगियां डाउन लाइन पर आ गईं, और यशवंतपुर एक्सप्रेस की आखिरी दो बोगियों से टकरा गईं, जो डाउन लाइन से 126 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से पार कर रही थी।"


अधिकारी ने आगे कहा, "प्रारंभिक जांच में लग रहा है कि सिग्नल में गड़बड़ी हुई है। घटना की चपेट में सिर्फ कोरोमंडल एक्सप्रेस आई थी। उन्होंने कहा कि कोरोमंडल एक्सप्रेस 128 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से जा रही थी।" बोर्ड ने साफ कहा कि यह ओवर स्पीड का मामला नहीं है। हालांकि सिग्नल में खराबी से इनकार नहीं किया गया है। बोर्ड के अनुसार, "कवच भी इस दुर्घटना को नहीं रोक सकता था। जिस तरह से हादसा हुआ उसको रोकने करने का उपाय पूरी दुनिया में नहीं है।"

रेलवे की अधिकारी जया वर्मा सिन्हा ने आगे बताया कि हादसे के प्रांरभिक कारण और इसके पीछे दोषियों की पहचान कर ली गई है। हालांकि, रेलवे सुरक्षा आयुक्त अभी भी डिटेल में जांच कर रहे हैं। उनकी रिपोर्ट आने के बाद ही इसके बारे में कुछ कहा जा सकता है। बता दें कि इस विनाशकारी ट्रेन दुर्घटना में अब तक 275 लोगों की मौत हो चुकी है और 1,000 से अधिक लोग घायल हैं।

रेल मंत्री ने क्या कहा?

इससे हपले रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रविवार को कहा कि ओड़िशा के बालासोर जिले में हुई भीषण रेल दुर्घटना इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम (Electronic Interlocking System) में बदलाव के कारण हुई है। वैष्णव ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा कि दुर्घटना के कारण और इसके लिए जिम्मेदार लोगों की पहचान कर ली गई है। उन्होंने कहा कि रेल हादसे की जांच पूरी हो चुकी है और रेल सुरक्षा आयोग जल्द ही अपनी रिपोर्ट सौंपेगा।

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रेल मंत्री ने कहा कि रिपोर्ट के आधार पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि यह हादसा इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग में बदलाव की वजह से हुआ है। अश्विनी वैष्णव ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि असली समस्या इलेक्ट्रिक प्वाइंट मशीन को लेकर थी। रेलवे में सिग्नल और इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है।

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