दिग्गज टेक कंपनियों में भारी संख्या में छंटनी का दबाव बना हुआ है। इस बीच खुलासा हुआ है कि दिग्गज अमेरिकी टेक कंपनियां कम सैलरी पैकेज पर टेक वर्कर्स की हायरिंग करने वाली हैं। गूगल (Google), मेटा (Meta), एमेजॉन (Amazon), माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft), जूम (Zoom) और सेल्सफोर्स (Salesforce) ने इस साल हजारों H1B वीजा के लिए अप्लाई किया है। यह खुलासा स्वतंत्र खोजी पत्रकार ली फैंग ने अमेरिकी लेबर डिपार्टमेंट के आंकड़ों के हवाले से किया है। अहम बात ये है कि एच1बी वीजा पर काम करने वाले हजारों एंप्लॉयीज जिसमें बड़ी संख्या में भारतीय भी शामिल थे, उनकी छंटनी हुई है और अब इसी वीजा पर ये कंपनियां एंप्लॉयीज की तलाश कर रही हैं।
Google ने छंटनी के अगले ही महीने कर दिया आवेदन
गूगल ने जनवरी में दुनिया भर में 12 हजार एंप्लॉयीज की छंटनी का ऐलान किया था और फिर अगले ही महीने में इसने विदेशों से सॉफ्टवेयर इंजीनियर्स, एनालिटिकल कंसल्टेंट्स, यूजर एक्सपीरिएंस रिसर्चर्स और अन्य रोल्स के लिए हायरिंग के वास्ते एच1बी वीजा का आवेदन डाल दिया। इसका लक्ष्य अगस्त तक एंप्लॉयीज को ज्वाइनिंग दे देना है। गूगल की पैरेंट अल्फाबेट की एक और कंपनी वायमो ने भी इंजीनियरों की हायरिंग के लिए ऐसा ही एच1बी आवेदन दाखिल किया है।
Meta, Amazon और Microsoft में भी हुई है छंटनी
फेसबुक (Facebook) की पैरेंट कंपनी मेटा, एमेजॉन और माइक्रोसॉफ्ट ने भी एच1बी आवेदन किया है और इन सभी में अभी हाल ही में छंटनी हुई है। मेटा ने अपने करीब 25 फीसदी एंप्लॉयीज की छंटनी की है। वहीं एमेजॉन ने जनवरी में पहले 18 हजार और फिर मार्च में 9 हजार एंप्लॉयीज की छंटनी का ऐलान किया था। माइक्रोसॉफ्ट की बात करें तो इसने अपने ग्लोबल वर्कफोर्स के करीब 5 फीसदी यानी 10 हजार एंप्लॉयीज को बाहर निकालने का ऐलान किया था। इन कंपनियों ने मंदी की आशंका के बीच लागत घटाने के लिए यह फैसला लिया था। हालांकि इन्होंने यह भी कहा था कि अहम पदों पर हायरिंग जारी रहेगी।