हरतालिका तीज की महिमा को अपरंपार माना गया है। हिन्दू धर्म में विशेषकर सुहागिन महिलाओं (Married women) के लिए इस पर्व का महात्म्य बहुत ज्यादा है। हरतालिका तीज व्रत हिंदू धर्म में मनाये जाने वाला एक प्रमुख व्रत है। भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की तृतीया 6 सितंबर यानी आज हरतालिका तीज है। भारत में हरियाली तीज और कजरी तीज के बाद अब हरतालिका तीज का त्योहार मनाया जाता है। हरितालिका तीज का व्रत मुख्य रूप से सुहागिन महिलाएं और कुंवारी कन्याएं करती हैं। इस दिन सुहागिन महिलाएं माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा अर्चना करती हैं और अपने सुखी वैवाहिक जीवन की कामना करती हैं।
वैदिक पंचांग के अनुसार, हरतालिका तीज पर पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 6.01 बजे से सुबह 8.31 बजे तक रहेगा। वहीं शाम के समय की पूजा के लिए सबसे शुभ मुहूर्त 5.25 बजे से शाम 6.37 बजे तक रहेगा। इन दोनों शुभ मुहूर्त में हरतालिका तीज की पूजा- अर्चना करना सबसे उत्तम रहेगा।
हरतालिका तीज की पूजन सामग्री
हरतालिका तीज व्रत में गीली मिट्टी, बेल पत्र, शमी पत्र, केले का पत्ता, धतूरे का फल और फूल, अकांव का फूल, तुलसी, मंजरी, जनेऊ, वस्त्र, मौसमी फल-फूल, नारियल, कलश, अबीर, चंदन, घी, कपूर, कुमकुम, दीपक, दही, चीनी, दूध और शहद जैसे सामानों की जरूरत पड़ती है। वहीं पार्वती की सुहाग सामग्री में मेहंदी, चूड़ी, बिछिया, काजल, बिंदी, कुमकुम, सिंदूर, कंघी, माहौर, सुहाग पिटारी की जरूरत पड़ती है।
हरतालिका तीज की पूजा विधि
हरतालिका तीज की पूजा में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा अर्चना की जाती है। महिलाएं इस दिन व्रत अखंड सुहाग की कामना के लिए व्रत रखती हैं। सबसे पहले एक लकड़ी की चौकी लें और उस पर लाल कपड़ा बिछा लें। फिर चौकी पर भगवान शिव और माता पार्वती की साफ और स्वच्छ मूर्ति या प्रतिमा स्थापित करें। जल से भरे कलश की स्थापना करें। अब धूप और दीप जलाकर भगवान शिव को चंदन और माता पार्वती का रोली से तिलक करना चाहिए। फिर अक्षत, फल, फूल, श्रृंगार का सामान आदि अर्पित करें। अब हरतालिका तीज व्रत की कथा का पाठ करें। इसके अलावा मंत्रों का जाप भी किया जा सकता है। पूजा का समापन आरती के साथ करें और फिर भगवान शिव और माता पार्वती को भोग लगाएं। पूजा के दौरान हुई भूल चूक के लिए क्षमा-याचना मांगें और प्रसाद वितरण करें। पूजा के बाद विधि विधान से व्रत का पारण करें।
दरअसल, हरतालिका तीज का व्रत बेहद कठिन माना जाता है। इसमें महिलाएं निर्जला व्रत रखकर पति की लंबी उम्र (Husband long life) के लिए कामना करती हैं। मान्यता है कि इस व्रत को सबसे पहले माता पार्वती ने भगवान शंकर को पति के रूप में पाने के लिए किया था। हरतालिका तीज व्रत करने से महिलाओं को सौभाग्य की प्राप्ति होती है। हरतालिका तीज के दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा-अर्चना करने से कुंवारी लड़कियों के विवाह में आने वाले बाधाएं दूर हो जाती हैं। मन चाहे वर की प्राप्ति होती है और शीघ्र विवाह के योग बनते हैं।
शीघ्र विवाह चाहते हैं तो हरतालिका तीज के दिन रामचरितमानस में से बालकांड से शिव और पार्वती के विवाह से संबंधित श्लोकों का हर रोज पाठ करना चाहिए। इसके अलावा सुखी वैवाहिक जीवन के लिए इस दिन आप अपने घर में तुलसी का पौधा लगाएं। रोज सुबह उसकी पूजा करें। यह.यह उपाय करने से आपके वैवाहिक जीवन में सुख-शांति आएगी।