Hathras stampede: तृणमूल कांग्रेस (TMC) की सांसद महुआ मोइत्रा ने हाल ही में हाथरस में पीड़ित महिलाओं से मिलने पहुंची राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) की अध्यक्ष रेखा शर्मा पर जोरदार कटाक्ष किया। दरअसल, घटनास्थल पर जब रेखा शर्मा जायजा लेने पहुंची तो उस दौरान एक व्यक्ति उनका छाता थामे हुए था। पत्रकार निधि राजदान ने X पर पूछा कि अध्यक्ष ने खुद छाता क्यों नहीं पकड़ा? मोइत्रा ने X पर उनकी पोस्ट को फिर से शेयर करते हुए लिखा, "वह अपने बॉस का पजामा थामने में बहुत व्यस्त हैं।"
बता दें कि उत्तर प्रदेश के हाथरस में दो जुलाई को हुई दुखद भगदड़ की घटना में 121 लोगों की जान चली गई और 35 लोग घायल हो गए। यह पोस्ट मूल रूप से PTI द्वारा डाली गई थी, जिसमें NCW अध्यक्ष के हाथरस पहुंचने की सूचना दी गई थी। तृणमूल सांसद की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए NCW प्रमुख ने इंडिया टुडे से कहा, "महुआ एक बड़ी ट्रोल हैं।"
सोशल मीडिया यूजर्स ने सवाल उठाया कि चेयरमैन द्वारा अपनी छाता न संभालना किस विशेषाधिकार को दर्शाता है। इस बीच, बीजेपी ने मोइत्रा के इस्तीफे की मांग की। उत्तर प्रदेश सरकार की एजेंसियों ने हाथरस में हुई भगदड़ की घटना के मुख्य आरोपी देवप्रकाश मधुकर को पकड़ने के लिए राज्य के साथ-साथ पड़ोसी राजस्थान तथा हरियाणा में तलाश शुरू कर दी है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि तमाम एजेंसियां पूछताछ के लिए प्रवचनकर्ता सूरजपाल उर्फ नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा की तलाश कर रही हैं। हाथरस जिले के फुलरई गांव में दो जुलाई को 'भोले बाबा' के सत्संग के बाद मची भगदड़ में कुल 121 लोगों की मौत हो गई थी, जिसमें अधिकतर महिलाएं थीं। इस मामले में दर्ज FIR में नामजद आरोपी के तौर पर सिर्फ मुख्य सेवादार मधुकर का नाम है। जबकि सूरजपाल का नाम दर्ज नहीं किया गया है। यह FIR हाथरस के सिकंदराराऊ पुलिस थाने में दर्ज की गई जिसमें मधुकर के अलावा कई अज्ञात आयोजकों को भी आरोपी बनाया गया है।
मामले में अब तक छह संदिग्धों को गिरफ्तार किया जा चुका है। एक अधिकारी ने पीटीआई को बताया, "किसी को भी क्लीनचिट नहीं दी गई है। जांच जारी है और सरकारी एजेंसियां फरार मुख्य आरोपी की तलाश कर रही हैं। एजेंसियां, पूछताछ के लिए प्रवचनकर्ता की भी तलाश कर रही हैं।" अधिकारी ने यह भी बताया, "तलाशी अभियान के तहत टीम पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों और राज्य के पूर्वी जिलों की खाक छान चुकी है। टीम राजस्थान और हरियाणा जैसे राज्यों में भी तलाश कर रही है।"
इस बीच, भगदड़ की घटना की जांच को लेकर गठित विशेष कार्य दल (SIT) की रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंप दी गई है। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (आगरा जोन) अनुपम कुलश्रेष्ठ ने सरकार को यह रिपोर्ट सौंपी है। अधिकारी के अनुसार, गोपनीय रिपोर्ट में हाथरस के जिलाधिकारी आशीष कुमार, पुलिस अधीक्षक निपुण अग्रवाल और स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के बयान शामिल हैं जिन्होंने भगदड़ के कारण पैदा हुई आपातकालीन स्थिति को देखा था।
पुलिस ने इस मामले में भारतीय न्याय संहिता की धारा 105 (गैर इरादतन हत्या), 110 (गैर इरादतन हत्या करने का प्रयास), 126 (2) (गलत तरीके से रोकना), 223 (लोक सेवक द्वारा जारी आदेश की अवज्ञा), 238 (साक्ष्यों को मिटाना) के तहत मुकदमा दर्ज किया था।
उत्तर प्रदेश सरकार ने बुधवार को हाथरस त्रासदी की जांच के लिए हाई कोर्ट के एक रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया था। आयोग इस पहलू से भी जांच करेगा कि यह घटना कोई साजिश तो नहीं थी।