Holi 2024: किस दिन खेली जाएगी होली? यहां जानिए शुभ महूर्त, इतिहास और महत्व

Holi 2024: होली रंगों और खुशियों का त्योहार है। यह भारत के बड़े त्योहारों में से एक है। इसे पूरी दुनिया में मनाया जाता है। लोग होली का त्योहार का बेसब्री से इंतजार कर रहे होते हैं। हिंदू धर्म में होली का खास महत्व है। यह त्योहार, हर साल फाल्‍गुन माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। ऐसे में आइये जानते हैं कि इस बार होली किस दिन खेली जाएगी

अपडेटेड Mar 05, 2024 पर 6:30 AM
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Holi 2024: हिंदू कैलेंडर के मुताबिक, होली हर साल फाल्गुन महीने की पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है।

Holi 2024: हिंदू धर्म में होली का खास महत्व है। यह त्योहार, हर साल फाल्‍गुन महीने की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। होली के एक दिन पहले होलिका दहन होती है। इसे छोटी होली भी कहा जाता है। इस दिन सूर्यास्त के बाद होलिका की पूजा-अर्चना कर उसे जलाया जाता है। इसके अगले दिन गुलाल और रंग वाली होली खेली जाती है। होली को पूरे देश में धूमधाम और उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस साल होली 25 मार्च को खेली जाएगी। इस बीच बहुत से लोगों के भीतर कन्फ्यूजन है कि आखिर होली 24 मार्च को खेली जाएगी या 25 मार्च को।

Holi 2024: कब है होली?

हिंदू पंचांग के मुताबिक, इस साल फाल्गुन पूर्णिमा तिथि 24 मार्च को सुबह 9.54 बजे से शुरू हो जाएगी। यह 25 मार्च को दोपहर 12.29 बजे खत्म हो जाएगी। लिहाजा होलिका दहन 24 मार्च दिन रविवार को होगा। इसके बाद रंग वाली होली 25 मार्च को खेली जाएगी।


होली पर्व का महत्व

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार होली पर्व को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है। इस दिन सभी लोग आपसी मतभेद भुलाकर एक दूसरे को रंग लगाते हैं। जिसमें लाल रंग को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि लाल रंग प्यार और सौहार्द का प्रतीक माना जाता है। जिससे आपसी प्रेम और स्नेह बढ़ता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार होलिका दहन और होली के दिन भगवान श्री कृष्ण, श्री हरि और कुल देवी-देवताओं की पूजा करने से सभी नकारात्मक शक्तियों का नाश हो जाता है और जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

ऐसे करें होलिका दहन की पूजा

होलिका दहन की तैयारी करीब एक हफ्ते पहले शुरू हो जाती है। होलिका की पूजा के लिए गोबर से होलिका और प्रहलाद की मूर्तियां तैयार की जाती हैं। इस दौरान पूजन में चावल, फूल, कपास, फूलों की माला, हल्दी, मूंग, गुलाल, नारियल, बताशा जैसी चीजों को जरूर शामिल करना चाहिए। पूजा के बाद होलिका की परिक्रमा लगाई जाती है।

होलिका दहन की पूजा विधि

होलिका दहन के लिए गली के किनारे या चौक पर कई दिनों पहले से ही लकड़ी रखना शुरू कर दिया जाता है। होलिका दहन के दिन तैयार की गई होलिका की दिशा में मुख करके बैठा जाता है। फिर भगवान गणेश का स्मरण किया जाता है। होलिका दहन की पूजा सामग्री (Puja Samagri) में फल, फूल, नारियल, रोली, गोबर के कंडे, अनाज, कच्चा सूत. चावल, गुलाल, बताशे, हल्दी, और लोटे में जल भरकर रखा जाता है। फिर पूजा के बाद होलिका की परिक्रमा की जाती है।

Jitendra Singh

Jitendra Singh

First Published: Mar 05, 2024 6:30 AM

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