Holi special 2025: होली के त्योहार में रंग-गुलाल के साथ ही गुजिया मिठाई भी काफी चर्चा में रहती है। इस दिन लोग घर आए मेहमानों को काफी चाव से गुजिया खिलाते हैं। इसके बिना होली का त्योहार अधूरा माना जाता है। इस बीच होली से पहले लखनऊ की एक मिठाई की दुकान ने देश की सबसे बड़ी गुजिया तैयार की है। इसे 'इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स' में भी दर्ज किया गया है। रंगों के त्योहार के दौरान पसंदीदा 25 इंच की मिठाई का वजन 6 किलो है। इस गुजिया को "महाकुंभ (Maha Kumbh)" नाम दिया गया है। बता दें कि होली पर हर घर में गुजिया बनाई और लोगों को खिलाई जाती है।
इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड (India Book of Records) के कार्यकारी प्रमिल द्विवेदी ने न्यूज एजेंसी ANI से कहा, "यह गुजिया सारे रिकॉर्ड तोड़ दी है। जब मालिक ने ऐसा दावा किया, तो हमने खोज की और पाया कि ऐसी गुजिया पहले कभी नहीं बनाई गई थी।"
वहीं, स्टोर के मार्केटिंग हेड क्षितिज गुप्ता ने एजेंसी से बातचीत में कहा, "पूरे भारत में होली के त्योहार मनाए जा रहे हैं। इस साल हमारे यहां महाकुंभ था, जिसका बहुत महत्व है। हम ऐसी चीजें समर्पित करने की कोशिश करते हैं जो लोगों के करीब हों। इसलिए हमने यह 'महाकुंभ' गुजिया तैयार की है।"
बता दें कि गुजिया तो वैसे साल भर खाई जाती है, लेकिन होली के त्यौहार के दौरान इसकी बिक्री आसमान छू जाती है। लखनऊ के बीचोबीच स्थित राम आसरे स्वीट्स उन दिनों कम से कम 500 किलो गुजिया बेचता है। यह मिठाई 16वीं सदी के ब्रज (मथुरा और वृंदावन के केंद्र वाला क्षेत्र) में खूब लोकप्रिय हुई।
वहां इस पर इलायची छिड़की जाती है और भगवान कृष्ण को प्रसाद के रूप में चढ़ाया जाता है। वृंदावन के राधा रमन मंदिर में मंदिर की थाली में गुजिया और चंद्रकला परोसने की परंपरा 500 साल पुरानी है। अब तो यह भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी खूब बिक रही हैं।
गुजिया की उत्पत्ति भले ही उत्तर प्रदेश में हुई हो, लेकिन इस क्लासिक मिठाई को भारत के कई हिस्सों में खाया जाता है। पाक इतिहासकार और आईटीसी ग्रैंड भारत के कार्यकारी शेफ अक्षराज जोध ने मनीकंट्रोल को बताया, "यह किसी समय यूपी से राजस्थान तक पहुंची होगी। राजस्थान के कुछ हिस्सों में लोग होली पर गुजिया के दो अलग-अलग संस्करण चंद्रकला और सूर्यकला बनाते हैं।"