निखिल कामत (Nikhil Kamath) 17 साल के थे जब उन्हें कॉल सेंटर में पहली नौकरी मिली। महज 8,000 रुपये की सैलरी के साथ उन्होंने स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग शुरू की। हालांकि शुरुआती एक साल उन्होंने स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग को गंभीरता से नहीं लिया, लेकिन बाद में उन्होंने इसकी अहमियत समझी और आज कामत अरबपति होने के साथ-साथ देश की सबसे सफल स्टॉक ब्रोकिंग फर्म, जीरोधा (Zerodha) को लीड भी कर रहे हैं।
Zerodha के को-फाउंडर निखिल कामत ने हाल में 'ह्यूमन ऑफ बॉम्बे' के साथ एक बातचीत में अपने सफर के बारे में विस्तार से बताया। कामत ने बताया कि उन्होंने पहली बार स्टॉक ट्रेडिंग को गंभीरता से करना तब शुरू किया, जब उनके पिता ने उन्हें अपनी कुछ सेविंग्स दी और उन्हें इसे 'मैनेज करने' के लिए कहा। निखिल कामत ने कहा, "उन्हें मेरे ऊपर एक तरह का विश्वास था।"
कामत ने बाद में अपने कॉल सेंटर के मैनेजर को भी शेयर बाजार में निवेश के लिए मना लिया। कामत ने बताया, "मैनेजर को इससे लाभ मिला और उसने फिर दूसरों को भी बताया। अंत में मैंने काम पर जाना छोड़ दिया क्योंकि मेरी अटेंडेंस कोई और लगा देता था और मैं इस दौरान पूरी टीम के पैसे मैनेज कर रहा था।"
कामत ने बताया कि इसी के बाद उन्होंने नौकरी छोड़कर अपने भाई के साथ मिलकर कामत एसोसिएट्स शुरू किया और फिर साल 2010 में जीरोधा को लॉन्च किया। लेकिन क्या स्कूल की पढ़ाई बीच में छोड़ने वाले निखिल कामत की योजना हमेशा से एक स्टॉक ब्रोकिंग फर्म खोलने की थी? इस सवाल का जवाब वह आसान 'हां' या 'ना' में नहीं दे पाए।
उन्होंने कहा, "एक बार जब मैं जॉब से बाहर निकल गया, तो मेरा इकलौता प्लान पैसा कमाना था। मैं एक ठेठ, मध्यम वर्गीय परिवार से आता हूं। मेरी कुछ कजिन ने की एमबीए की हुई थी। ऐसे में मुझे सवाल पूछा जाता था कि मैं अपनी जिंदगी में क्या करने जा रहा हूं।"
हालांकि कामत के माता-पिता को उनपर भरोसा था। कामत ने कहा, "मेरे माता-पिता ने मुझसे बस यह कहा कि कुछ ऐसा मत करना हो जो हमें बहुत शर्मिंदा करें! मैं गणित में अच्छा था, ऐसे में उन्हें लगता था कि मैं स्मार्ट हूं। उन्हें मुझे पर एक तरह का अंध-विश्वास था।"
अपने अनुभवों से अब तक सीखे गए सबक के बारे में पूछे जाने पर जीरोधा के को-फाउंडर ने कहा, "स्कूल छोड़ने से लेकर कॉल सेंटर में काम करने तक, और जीरोधा से लेकर ट्रू बीकन शुरू करने तक, मैं अपने बारे में दो-तीन चीजें जान पाया हूं, जो मैं अच्छा करता हूं और मैं इसी को हमेशा करने की कोशिश करता हूं। अरबपति बनने से भी इसमें कोई बदलाव नहीं आया है। मैं अभी भी दिन के 85 प्रतिशत समय काम करता हूं और इनसिक्योरिटी के साथ रहता हूं कि 'क्या होगा अगर यह सबकुछ मुझसे छीन लिया गया तो?' "
कामत ने आगे कहा, "तो मेरी इकलौती सलाह यह है कि बहुत अधिक सोचना बंद करें। जिन चीजों के बारे में आप अभी चिंता कर रहे हैं, पांच साल बाद उसकी कोई वैल्यू नहीं होगा। ऐसे में क्यों न आज जो करना है और उस अभी करें और एक भरोसा रखें कि यह किसी न किसी तरह तो जरूर होगा?"