'ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे (Humans of Bombay)' ने हाल ही में कॉपीराइट उल्लंघन के लिए एक ऑनलाइन स्टोरीटेलिंग पोर्टल 'पीपल ऑफ इंडिया (People of India)' के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में मुकदमा दायर किया। 'ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे' एक भारतीय फोटोब्लॉग वेबसाइट है, जिसमें महानगर में रहने वाले लोगों के बारे में सबसे अच्छी कहानियां प्रकाशित होती हैं। 'ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे' के सभी डिजिटल प्लेटफॉर्म की लोकप्रियता इंटरनेट पर काफी अधिक है। इस प्लेटफॉर्म की शुरुआत 2014 में संस्थापक करिश्मा मेहता (Karishma Mehta) ने फेसबुक पेज के रूप में की थी।
Humans of Bombay का आरोप है कि 'पीपल ऑफ इंडिया (POI)' उनके लिखने-कहने के तरीके की नकल करता है। उसने ये भी दावा किया कि POI बिना उसकी अनुमति के उनकी तस्वीरें और वीडियो इस्तेमाल करता है। 'इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के अनुसार, 'ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे' का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील अभिषेक मल्होत्रा ने आरोप लगाया कि प्रतिवादी ने उनके मुवक्किल के बिजनेस मॉडल की नकल की है।
Humans of New York की एंट्री से बढ़ा बवाल
इस बीच, 'ह्यूमन्स ऑफ न्यूयॉर्क (Humans of New York)' के संस्थापक ब्रैंडन स्टैंटन (Brandon Stanton) को जब ये बात पता चला, तो उन्होंने X (पहले ट्विटर) पर एक पोस्ट कर 'ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे' को फटकार लगाई है। स्टैंटन ने करिश्मा मेहता की ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे (HoB) द्वारा अपने प्रतिद्वंद्वी 'पीपुल्स ऑफ इंडिया' के खिलाफ कॉपीराइट मामला दायर करने के बाद निराशा व्यक्त की है।
ब्रैंडन ने कहा कि 'ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे' ने कानूनी चुनौतियों का सामना किए बिना ही HONY से प्रेरणा ली थी। स्टैंटन ने अन्य प्लेटफार्मों के खिलाफ मुकदमा दायर करने के निर्णय पर सवाल उठाया। दरअसल, 'ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे' कथित तौर पर 'ह्यूमन्स ऑफ न्यूयॉर्क (HONY)' से प्रेरित है। 'ह्यूमन्स ऑफ न्यूयॉर्क' भी एक फोटो-ब्लॉग है, जिसमें न्यूयॉर्क शहर की अच्छी किस्से-कहानियां प्रकाशित होते हैं। नवंबर 2010 में अमेरिकी फोटोग्राफर ब्रैंडन स्टैंटन ने इसे शुरू किया था।
ब्रैंडन स्टैंटन ने 'बार एंड बेंच' की रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, "ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे ने मेरे काम और नाम का इस्तेमाल किया, लेकिन मैंने कभी ये मुद्दा उठाया नहीं। क्योंकि मेरा मानना है कि वह जरूरी कहानियां प्रकाशित करते हैं। भले ही उन्होंने मुझसे अधिक मुनाफा कमाया है। लेकिन मैंने कभी कुछ कहा नहीं। मैं सहज महसूस करता हूं। फिर जिस बात के लिए तुम्हें माफ किया गया हो, उसके लिए तुम किसी और पर मुकदमा कैसे कर सकते हो?"
'ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे' का जवाब
स्टैंटन के इस पोस्ट के जवाब में ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे ने अपनी सफाई में X पर दो पोस्ट जारी किए। उसने पहले पोस्ट में लिखा, "प्रिय ब्रैंडन...हम कहानियों की ताकत जानते हैं। इसीलिए ये देखकर हैरत होती है कि अपनी बौद्धिक संपदा को बचाने के लिए हमारी कोशिशों के खिलाफ इस तरह के हमले किए जा रहे हैं। वो भी पूरा मामला समझे बिना... ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे में कहानियों पर पूरा जोर है। लेकिन इसे ईमानदारी और नैतिकता से किया जाना चाहिए। हमें भारत की अदालतों पर पूरा भरोसा है। कानून अपना काम करेगा।"
अपनी दूसरी पोस्ट में ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे ने कानूनी मुकदमे की तस्वीरें शेयर कीं और उनके साथ निम्नलिखित बयान भी जारी किया। 'ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे' ने कहा कि हम इस कहानी कहने के आंदोलन को शुरू करने के लिए Humans of New York और ब्रैंडन के आभारी हैं। मुकदमा हमारे पोस्ट में IP से संबंधित है और बिल्कुल भी कहानी कहने के बारे में नहीं...। हमने अदालत का दरवाजा खटखटाने से पहले इस मुद्दे को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाने की कोशिश की, क्योंकि हम अपनी टीम की कड़ी मेहनत की रक्षा करने में विश्वास करते हैं।