करीब 25 साल पहले काठमांडू से दिल्ली जा रही एक पैसेंजर फ्लाइट को आतंकवादियों ने कब्जे में ले लिया था और इसे कंधार ले गए थे। कंधार हाईजैक की यह घटना फिर से चर्चा में है क्योंकि इस पर आधारित IC814: The Kandahar Hijack मिनी-सीरीज नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम हो रही है। यह सीरीज वास्तविकता के कितना करीब है, इस पर विवादों के बीच कुछ नए तथ्य सामने आ रहे हैं। इसमें से एक ये है कि 176 यात्रियों वाली फ्लाइट में एक ऐसा यात्री भी था जिसका कंट्रोल दुनिया के 90 फीसदी करेंसी प्रिटिंग कारोबार पर था। हालांकि हाइजैकर्स को यात्री की असली पहचान के बारे में कोई जानकारी नहीं थी।
वह अमीर यात्री एक स्विस-इटालियन बिजनसमैन रॉबर्टो जिओरी (Roberto Giori) था। टाइम की रिपोर्ट के मुताबिक रॉबर्ट उस समय स्विट्जरलैंड के सबसे अमीर लोगों में शुमार था। उसकी कंपनी डी ला र्यू (De La Rue) थी जो ब्रिटेन की थी और इसका कंट्रोल दुनिया के 90% करेंसी-प्रिंटिंग बिजनेस पर था। यह दुनिया के 70 से अधिक देशों के करेंसी नोट प्रिंट करती थी। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक रॉबर्टो काठमांडू में अपनी पार्टनर क्रिस्टिना कैलाब्रेस के साथ छुट्टी बिताने के बाद वापस लौट रहे थे। कुछ रिपोर्ट्स में तो यह भी दावा किया है कि चूंकि रॉबर्ट उस फ्लाईट में था, इसी वजह से ही भारत पर इसे छुड़ाने के लिए और अंतरराष्ट्रीय दबाव बना था।
तीन आतंकियों के बदले में हुई थी वापसी
इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट IC 814 आठ दिनों तक आतंकियों के कब्जे में थी। हाइजैकर्स ने बंधकों की रिहाई के बदले भारतीय सरकार से 20 करोड़ डॉलर की मांग की। उन्होंने सरकार से कई आतंकवादियों की भी रिहाई की मांग की जिसमें से एक आतंकी समूह जैश-ए-मोहम्मद को बनाने वाला मसूद अजहर था। भारत को बंधकों के बदले तीन आतंकवादियों—अहमद उमर सईद शेख, मुश्ताक अहमद जर्गर और मसूद अजहर—को रिहा करना पड़ा था। मसूद अजहर को ही 2019 पुलवामा हमले का मास्टरमाइंड माना जाता है। उसका आतंकी समूह जैश-ए-मोहम्मद भारत में कई आतंकवादी हमलों को अंजाम दे चुका है।