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भारत के टॉप-10 अरबपतियों के पास है इतना पैसा, 25 साल तक हर बच्चे को मिल सकती है शिक्षा – स्टडी

Top-10 Indian Billionaires Wealth: 10 सबसे अमीर लोगों की संपत्ति 25 साल तक देश के हर बच्चे को स्कूली शिक्षा और उच्च शिक्षा देने के लिए पर्याप्त है

अपडेटेड Jan 17, 2022 पर 1:18 PM
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जानिए भारत में अमीरों के पास कितनी है दौलत

Top-10 Indian Billionaires Wealth: देश में कोरोना वायरस महामारी के दौरान अरबपतियों (billionaires) की कुल संपत्ति बढ़कर दोगुने से अधिक हो गई और 10 सबसे अमीर लोगों की संपत्ति 25 साल तक देश के हर बच्चे को स्कूली शिक्षा और उच्च शिक्षा (school and higher education) देने के लिए पर्याप्त है।

एक स्टडी में सोमवार को यह बात कही गई। स्टडी के मुताबिक इस दौरान भारत में अरबपतियों की संख्या 39 फीसदी बढ़कर 143 हो गई है।

वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (World Economic Forum) के दावोस एजेंडा समिट (Davos Agenda summit) के पहले दिन जारी ऑक्सफैम इंडिया (Oxfam India) की वार्षिक असमानता सर्वे (annual inequality survey) में कहा गया कि अगर सबसे अमीर 10 फीसदी लोगों पर एक फीसदी अतिरिक्त टैक्स लगा दिया जाए, तो देश को करीब 17.7 लाख अतिरिक्त ऑक्सीजन सिलेंडर मिल सकते हैं। कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी का सामना करना पड़ा था।


आर्थिक असमानता पर ऑक्सफैम की रिपोर्ट में आगे कहा गया कि 142 भारतीय अरबपतियों के पास कुल 719 अरब डॉलर (53 लाख करोड़ रुपये से अधिक) की संपत्ति है। देश के सबसे अमीर 98 लोगों की कुल संपत्ति, सबसे गरीब 55.5 करोड़ लोगों की कुल संपत्ति के बराबर है।

रिपोर्ट में आगे कहा गया कि अगर 10 सबसे अमीर भारतीय अरबपतियों को हर दिन 10 लाख डॉलर खर्च करना हो तो उनकी मौजूदा संपत्ति 84 साल में खत्म होगी। इन अरबपतियों पर सालाना टैक्स लगाने से हर साल 78.3 अरब डॉलर जुटाए जा सकते हैं। जिससे सरकारी स्वास्थ्य बजट में 271 फीसदी का इजाफा हो सकता है।

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रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना वायरस महामारी की शुरुआत एक स्वास्थ्य संकट के रूप में हुई थी, लेकिन अब यह एक आर्थिक संकट बन गया है। महामारी के दौरान सबसे अमीर 10 फीसदी लोगों ने राष्ट्रीय संपत्ति (national wealth) का 45 फीसदी हिस्सा हासिल किया, जबकि नीचे की 50 फीसदी आबादी के हिस्से सिर्फ 6 फीसदी राशि आई। स्टडी में सरकार से रेवेन्यू जेनरेशन के अपने प्राइमरी सोर्सेस पर फिर से विचार करने और टैक्सेशन (taxation) के अधिक प्रगतिशील तरीकों को अपनाने की अपील की गई है।

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