Indian Railways: सफर के दौरान कहीं रुकने पर बस, कार और बाइक का इंजन आमतौर पर बंद कर दिया जाता है। ऐसे ही जब ट्रेन किसी स्टेशन पर लंबे समय तक रुकती है तो उसका भी इंजन ऑफ कर दिया जाना चाहिए। लेकिन ऐसा नहीं होता है। डेस्टिनेशन तक पहुंचने के दौरान चाहे कितने भी स्टॉप आएं, रेल का इंजन कभी ऑफ नहीं किया जाता है। आपने भी कई बार देखा होगा कि किसी बड़े स्टेशन पर भी ट्रेनों के इंजन ऑन ही रहते हैं। भले ही ट्रेन पूरी तरह से खाली हो चुकी हो।
बहुत से लोग इस रहस्य को जानने की इच्छा रखते हैं। लोको पायलट की यह मजबूरी होती है कि वह रुकी हुई ट्रेन का इंजन चालू रखे। अन्य गाड़ियों की तरह कभी ट्रेन के इंजन को स्विच ऑफ नहीं किया जा सकता है। डीजल इंजन का निर्माण इस तरह किया गया है कि उसको कुछ वक्त के लिए बंद नहीं किया जा सकता है।
इस वजह से नहीं बंद होता डीजल इंजन
इसके पीछे का एक बड़ा कारण ट्रेन का ब्रेक सिस्टम होता है। दरअसल, ट्रेन के ब्रेक, प्रेशर सिस्टम पर काम करते हैं। ट्रेन के ब्रेक में हमेशा प्रेशर बनाए रखना जरूरी होता है। अगर ऐसा नहीं किया गया तो ट्रेन के ब्रेक लगने में मुश्किल हो सकती है। ऐसे में ब्रेक सिस्टम को सही और प्रेशर बनाए रखने के लिए इंजन को चालू ही रखा जाता है। एक बार ब्रेक सिस्टम में खराबी आने पर इसे सुधारने में काफी वक्त लगता है। हर डीजल इंजन में एक बैटरी लगी होती है। जिसको चार्ज रहना बहुत जरूरी होता है। ये बैटरी तभी चार्ज होती है जब इंजन चालू रहता है। इस बैटरी के चार्ज न होने पर ट्रेन का लोको मोटिव सिस्टम फेल हो सकता है। इन सभी कारणों की वजह से ट्रेन का इंजन हमेशा ऑन ही रखा जाता है।
इसके अलावा, अगर इंजन को ऑफ कर दिया जाए तो उसे फिर से स्टार्ट करने में काफी दिक्कत होती है। बंद हुए इंजन को पूरी तरह से स्टार्ट होने और ट्रेन चलने के लायक बनने में लगभग 20 मिनट का समय लग जाता है। इसलिए इंजन को ऑन रखना ही बेहतर माना जाता है।