Indore: मिनी मुंबई के नाम से मशहूर इंदौर शहर से एक हैरान करने वाली खबर सामने आई है। भीख मांग कर अपना जीवन गुजारा करने वाली महिला सिर्फ 45 दिन में लखपति बन गई। हैरान की बात ये है कि महिला धनवान है। लेकिन अपने बच्चों से भीख मंगवा रही है। अब इस मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मध्य प्रदेश सरकार को एक नोटिस जारी किया है। आयोग ने यह नोटिस मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर जारी किया है। इसमें राज्य सरकार से पूछा गया है कि भिक्षावृत्ति विरोधी कानून को सख्ती से लागू करने के साथ-साथ ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए अबतक क्या कार्रवाई की गई है?
दरअसल, इंदौर को भिखारी मुक्त बनाने के लिए कलेक्टर आशीष सिंह के निर्देश पर संस्था प्रवेश की प्रमुख रुपाली जैन ने इंदिरा नामक महिला को बच्ची के साथ पकड़ा गया था। पूछताछ में महिला ने कहा कि भीख ही तो मांग रही हूं, चोरी नहीं कर रही हूं। महिला भीख मांगने के लिए अपने छोटे बच्चों का इस्तेमाल करती थी। उन्हीं से भीख मगंवाती थी।
भिखारी महिला के पास दो मंजिला मकान
पूछताछ में पता चला, महिला का नाम इंदिरा है। वो राजस्थान की रहने वाली है। 45 दिन में उसने भीख के जरिए 2.5 लाख रुपये कमाए। तलाश के दौरान महिला के पास से 19,200 रुपये बरामद हुए। महिला के 5 बच्चे हैं। दो बच्चों को उसने राजस्थान में अपने घर पर रखती है। वहीं 3 बच्चों को लेकर वो इंदौर के लवकुश चौराहे पर भीख मांगती थी। इंदिरा ने कबूल किया कि वो भीख के जरिए रोजाना 2000-3000 रुपये कमा लेती है। महिला ने भीख की कमाई सास-ससुर को भी भेजती है। 50000 रुपये उसके बैंक खाते में है। बैंक में उसके नाम से FD भी है। राजस्थान में उसके पास जमीन का एक प्लॉट, दो मंजिला मकान, एक मोटरसाइकिल और स्मार्टफोन है।
बता दें कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भिक्षा-मुक्त भारत अभियान की शुरुआत की है। ऐसे में कई जगह यह अभियान चलाया जा रहा है। इंदौर में कलेक्टर की ओर से बाल भिक्षावृत्ति रोकने के लिए निर्देश दिए गए हैं। लव-कुश चौराहे पर एक अभियान चलाया गया। जिसमें एक महिला रेस्क्यू की गई। महिला यहां 8 साल से भीख मांग रही है। महिला के खिलाफ मामला दर्ज होते ही उसका पति दो बच्चों को लेकर राजस्थान भाग गया है। जबकि महिला को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।