इंफोसिस (Infosys) के फाउंडर एनआर नारायण मूर्ति (NR Narayan Murthy) ने कहा है कि अगर भारत पिछले दो से तीन दशकों में जबरदस्त प्रगति करने वाली अर्थव्यवस्थाओं के साथ प्रतिस्पर्धा करना चाहता है तो युवाओं को एक हफ्ते में 70 घंटे काम करना चाहिए। नारायण मूर्ति 3one4 कैपिटल के पॉडकास्ट 'द रिकॉर्ड' के पहले एपिसोड में दिखाई दिए, जो आज यूट्यूब पर जारी किया गया था। इस पॉडकॉस्ट के दौरान नारायण मूर्ति ने देश को बनाने और टेक्नोलॉजी के बारे में खुलकर चर्चा की। उन्होंने अपनी कंपनी और कई सारे मुद्दों पर बात की। जिसमें आज के युवाओं की राय भी शामिल थी। इंफोसिस के पूर्व CFO मोहनदास पई के साथ बातचीत में नारायण मूर्ति ने कहा कि भारत की वर्क प्रोडक्शन दुनिया में सबसे कम है।
चीन से मुकाबला करने के लिए युवाओं को करना होगा ज्यादा काम
नारायण मूर्ति ने कहा कि चीन जैसे देश से मुकाबला करने के लिए भारत के युवाओं को ज्यादा काम करना होगा। कुछ ऐसा ही जापान और जर्मनी ने सेकेंड वर्ल्ड वार के बाद किया था। उन्होंने सरकार में भ्रष्टाचार और नौकरशाही की देरी जैसे अन्य मुद्दों को भी जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा भारत का वर्क प्रोडक्शन दुनिया में सबसे कम में से एक है। जब तक हम अपने वर्क प्रोडक्शन में सुधार नहीं करते, जब तक हम सरकार में किसी स्तर पर भ्रष्टाचार को कम नहीं करते, क्योंकि हम पढ़ते रहे हैं, मुझे इसकी सच्चाई नहीं पता, जब तक हम इस फैसले को लेने में अपनी नौकरशाही की देरी को कम नहीं करते, हम ऐसा नहीं कर पाएंगे। उन देशों के साथ प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम जिन्होंने जबरदस्त प्रगति की है।
नारायण मूर्ति ने किया युवाओं से अनुरोध
77 साल के अरबपति नारायण मूर्ति ने आज के युवाओं से इसे लेकर अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि युवाओं से मेरा अनुरोध है कि वे यह सोचें कि यह मेरा देश है। मैं हफ्ते में 70 घंटे काम करना चाहूंगा। आप जानते हैं, सेकेंड वॉर के बाद जर्मनों और जापानियों ने ठीक यही किया था। उन्होंने यह तय किया कि जर्मनी में हर एक नागरिक कई सालों तक काफी ज्यादा काम करे। उन्होंने कहा कि भारत की युवा आबादी काफी ज्यादा है। उनको भारत के लिए अपनी जिम्मेदारी को निभाना होता है। उन्होंने कहा कि भारत में वर्क कल्चर को डिसिप्लिन, कड़ी मेहनत और विल पावर में बदलना होगा।
वर्क प्रोडक्शन में सुधार करने की है जरूरत
नारायण मूर्ति ने बताया कि हमें डिसिप्लिन लाकर अपने वर्क प्रोडक्शन में सुधार करने की जरूरत है। मुझे लगता है कि जब तक हम ऐसा नहीं करेंगे, बेचारी सरकार क्या कर सकती है? हर सरकार उतनी ही अच्छी होती है जितनी लोगों की संस्कृति। हमें हमारी संस्कृति को काफी ज्यादा डिसिप्लिन और काफी ज्यादा हार्ड वर्क की जरूरत है। युवाओं को अपने अंदर बदलाव लाना होगा।