इंफोसिस के लिए 27 फरवरी को राहत की बड़ी खबर आई। कंपनी को ट्रेनीज की छंटनी मामले में सरकार की क्लीन चिट मिल गई है। कर्नाटक सरकार के लेबर डिपार्टमेंट ने 27 फरवरी को कहा कि ट्रेनीज की छंटनी मामले में किसी लेबर लॉ का उल्लंघन नहीं हुआ है। उसने मामले की जांच के बाद यह बयान दिया। यह देश की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी के लिए बड़ी राहत वाली खबर है।
4 मार्च को सरकार को मिल सकती है फाइनल रिपोर्ट
सूत्रों ने इस बारे में मनीकंट्रोल को बताया कि राज्य सरकार के लेबर डिपार्टमेंट ने जुटाए गए सबूतों के आधार पर Infosys को क्लीन चिट दे दी है। लेबर डिपार्टमेंट के एक सीनियर अफसर ने कहा कि इस मामले में 4 मार्च को सरकार को फाइनल रिपोर्ट भेजी जा सकती है।
कंपनी ने 7 फरवरी को 400 ट्रेनीज की छंटनी की थी
यह पूरा मामला इस महीने की शुरुआत का है। 7 फरवरी को Infosys ने अपने मैसुरू कैंपस में करीब 350-400 ट्रेनीज की छंटनी कर दी। लगातार तीन बार इवैल्यूएशन टेस्ट्स क्लियर नहीं करने की वजह से कंपनी को यह फैसला लेना पड़ा। यह संख्या अक्टूबर 2024 में इंफोसिस ज्वाइन करने वाले कुल ट्रेनीज का करीब 50 फीसदी है। इस बारे में विवाद बढ़ने पर इंफोसिस ने मामले से जुड़ी तस्वीर साफ करने की कोशिश की थी।
इंफोसिस ने मामले में पेश की थी सफाई
एक सूत्र ने बताया, "ये सभी ट्रेनीज थे। इनमें से कुछ ने तीन महीनों की ट्रेनिंग ली थी। हम इसे छंटनी नहीं कह सकते, क्योंकि लेबर लॉ ऐसे मामलों में लागू नहीं होते। छंटनी से जुड़े लॉस तभी लागू होते हैं, जब रेगुलर एंप्लॉयमेंट होती है। इस मामले में एंप्लॉयर और एंप्लॉयीज का रिलेशन बिल्कुल नहीं था। ये सभी एप्रेंटिसशिप ट्रेनीज थे, एंप्लॉयीज नहीं थे।"
केंद्र सरकार ने कर्नाटक सरकार को दिया था निर्देश
मनीकंट्रोल ने 13 फरवरी को अपनी खबर में बताया था कि ट्रेनीज की छंटनी की खबर आने के बाद कर्नाटक सरकार के लेबर डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने बेंगलुरु और मैसुरू में इंफोसिस के कैंपस का दौरा कर स्थिति को समझने की कोशिश की है। इससे पहले केंद्र सरकार की लेबर मिनिस्ट्री का एक मेल कर्नाटक सरकार को आया था। इसमें कर्नाटक लेबर कमिश्नर और लेबर सेक्रेटरी को मामले की जांच करने को कहा गया था। उन्हें विवाद के निपटारे के लिए तुरंत जरूरी कदम उठाने को भी कहा गया था।
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एंप्लॉयीज यूनियन ने दी है विरोध प्रदर्शन की धमकी
इंफोसिस ने इस बीच लगातार यह कहा है कि उसने मौजूदा पॉलिसीज का पालन किया है। इसके मुताबिक, अगर फ्रेशर्स एसेसमेंट टेस्ट में फेल कर जाते हैं तो वे कंपनी में अपनी सेवाएं जारी नहीं रख सकते। लेबर डिपार्टमेंट की क्लीन चिट के बाद इस मामले पर प्रतिक्रिया देने के लिए इंफोसिस के किसी प्रतिनिधि से तुरंत संपर्क नहीं हो सका। 26 फरवरी को पुणे की आईटी एंप्लॉयीज की यूनियन NITES ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह बताया कि अगर सरकार इस मामले में उचित कार्रवाई नहीं करती है तो इंफोसिस के मैसुरू केंपस के बाहर विरोध प्रदर्शन होगा।