Kanwar Yatra 2024: कांवड़ रूट पर स्थित दुकानों पर मालिकों का नाम लिखना होगा, यूपी पुलिस के निर्देश पर यूपी में सियासी विवाद

Kanwar Yatra 2024: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में SSP अभिषेक सिंह ने कांवड़ यात्रा के मार्ग पर पड़ने वाले होटलों, ढाबों और छोटे-मोटे दुकानदारों को आदेश दिया है कि वे अपनी दुकानों के आगे मालिकों का नाम लिखें, ताकि मालिकों का धर्म पहचाना जा सके। इस निर्देश का उद्देश्य धार्मिक जुलूस के दौरान भ्रम से बचना और पारदर्शिता सुनिश्चित करना है

अपडेटेड Jul 18, 2024 पर 10:24 AM
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Kanwar Yatra 2024: 22 जुलाई से शुरू होने वाली कांवड़ यात्रा को लेकर नए निर्देश जारी किए हैं

Kanwar Yatra 2024: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में पुलिस ने कांवड़ यात्रा रूट पर खाने-पीने की सभी दुकानों पर मालिकों का नाम लिखने का आदेश जारी किया। कांग्रेस और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने इस फैसले को लेकर सरकार पर निशाना साधा। 22 जुलाई से शुरू होने वाली कांवड़ यात्रा की तैयारियां प्रशासन की ओर से नए दिशा-निर्देशों के साथ चल रही हैं। बुधवार (18 जुलाई) को मुजफ्फरनगर जिले की पुलिस ने कांवड़ यात्रा रूट के संबंध में एक आदेश जारी किया, जिसमें सभी होटलों को अपने प्रतिष्ठानों के बाहर अपने मालिकों के नाम प्रमुखता से प्रदर्शित करने का आदेश दिया गया। इस निर्देश का उद्देश्य धार्मिक जुलूस के दौरान भ्रम से बचना और पारदर्शिता सुनिश्चित करना है।

स्थानीय पुलिस प्रमुख अभिषेक सिंह ने एक वीडियो संदेश जारी किया, जिसे कांग्रेस नेता पवन खेड़ा और असदुद्दीन ओवैसी ने ही X पर शेयर किया। सिंह ने खाने-पीने की दुकानों पर उनके मालिकों के नाम प्रदर्शित करने के आदेश के बारे में पूछे जाने पर बताया, ''जिले में कांवड़ यात्रा की तैयारियां शुरू हो गई हैं। जिले में लगभग 240 किलोमीटर का कांवड़ रूट है। रूट पर सभी होटल, ढाबे, ठेले वालों से अपने मालिकों या फिर वहां काम करने वालों के नाम प्रदर्शित करने को कहा गया है।''

उन्होंने बताया, ''यह इसलिये जरूरी है ताकि किसी भी प्रकार का कोई भ्रम किसी कांवड़िए के अंदर ना रहे।' मुजफ्फरनगर के SSP द्वारा जारी आदेश के अनुसार, कांवड़ यात्रा रूट पर स्थित दुकानों के मालिकों को अपने परिसर में मालिक का नाम स्पष्ट रूप से लिखना होगा। यह आवश्यकता होटलों, ढाबों और ठेलों तक फैली हुई है, जिसका उद्देश्य बेहतर समन्वय और जवाबदेही सुनिश्चित करना है।


विपक्ष हुआ हमलावर

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने इस फैसले को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) सरकार पर निशाना साधते हुए इसे 'सरकार प्रायोजित कट्टरता' करार दिया। वहीं एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने इस फैसले की तुलना दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद और जर्मनी में यहूदिया के बहिष्कार से की।

खेड़ा ने इस आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए X पर एक पोस्ट में कहा, "सिर्फ राजनीतिक दलों को ही नहीं सभी सही सोच वाले लोगों और मीडिया को इस राज्य प्रायोजित कट्टरता के खिलाफ उठ खड़े होना चाहिए। हम BJP को देश को अंधकार युग में वापस धकेलने की अनुमति नहीं दे सकते।"

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एआईएमआईएम नेता ओवैसी ने भी X पर एक पोस्ट में कहा, ''उत्तर प्रदेश पुलिस के आदेश के अनुसार, अब हर खाने वाली दुकान या ठेले के मालिक को अपना नाम बोर्ड पर लगाना होगा ताकि कोई कांवड़िया गलती से मुसलमान की दुकान से कुछ न खरीद ले।''

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