Karti Chidambaram Case : केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई (CBI) ने कार्ति चिदंबरम के करीबी सहयोगी एस भास्कररमन (S Bhaskararaman) को गिरफ्तार कर लिया है। ऐसी खबरें हैं कि सीबीआई को कार्ति से जुड़े एक मामले में भास्कररमन के कंप्यूटर से लेनदेन के सबूत मिले हैं। एक दिन पहले कांग्रेस लीडर के कई परिसरों पर छापेमारी के बाद यह कार्रवाई की गई है। कार्ति चिदंबरम, पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस लीडर पी. चिदंबरम के बेटे हैं।
चिदंबरम के कई परिसरों पर पड़े थे छापे
इससे पहले मंगलवार को पी. चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम के ठिकानों पर CBI की टीम ने छापेमारी की है। CBI ने पी चिदंबरम के चेन्नई स्थित घर और कार्ति चिदंबरम के कराईकुडी के घर सहित कुल 10 परिसरों पर छापेमारी की। बताया जा रहा है कि यह छापेमारी एक हालिया जांच से जुड़ी हुई है। सीबीआई की टीम ने कार्ति के घर और ऑफिस के अलावा कई जगह तलाशी अभियान शुरू किया है। जानकारी के मुताबिक, दिल्ली, मुंबई और तमिलनाडु में कार्ति के ठिकानों पर यह छापेमारी हुई है।
चीनी नागरिकों को रिश्वत लेकर वीजा दिलाने का आरोप
संभवतः मंगलवार को CBI ने एक बिजली कंपनी के लिए 263 चीनी नागरिकों को वीजा दिलाने में मदद करने के 11 साल पुराने एक आरोप की जांच को लेकर लोकसभा सदस्य कार्ति चिदंबरम के खिलाफ एक नया मामला दर्ज किया था। अधिकारियों ने बताया कि कार्ति पर 2011 में 50 लाख रुपये की रिश्वत लेने के बाद चीनी नागरिकों को वीजा दिलवाने का आरोप है। उस वक्त कार्ति के पिता पी चिदंबरम केंद्रीय गृह मंत्री थे।
अधिकारियों ने बताया कि FIR दर्ज करने के बाद सुबह CBI के दल ने दिल्ली और चेन्नई में चिदंबरम पिता-पुत्र के आवास समेत देश के कई शहरों में 10 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। यह छापे चेन्नई और मुंबई में कई स्थानों पर और कोप्पल (कर्नाटक), झारसुगुड़ा (ओडिशा), मनसा (पंजाब) और दिल्ली में मारे गए।
भास्कररमन के कंप्यूटर से मिले लेनदेन के दस्तावेज
CBI को भास्कररमन के कंप्यूटर की हार्ड ड्राइव से 50 लाख रुपए के संदिग्ध लेन-देन के कुछ दस्तावेज मिले थे, जिसके आधार पर एजेंसी ने शुरुआती जांच दर्ज की थी। शुरुआती जांच के निष्कर्षों में FIR दर्ज करने के लिए प्रथम दृष्टया पर्याप्त सामग्री उपलब्ध थी।
एजेंसी का आरोप है कि पंजाब के मनसा स्थित तलवंडी साबो बिजली परियोजना के तहत 1980 मेगावाट का ताप बिजली संयंत्र स्थापित किया जाना था जिसके लिए चीन की एक कम्पनी के साथ अनुबंध किया गया था, लेकिन उसका काम तय समय से पीछे चल रहा था ।
सीबीआई प्रवक्ता आर सी जोशी ने एक बयान में कहा था कि परियोजना निर्धारित समय से पीछे चल रही थी और कंपनी पर जुर्माना लगने की तलवार लटक रही थी।