पथनमथिट्टा में दलित लड़की के कथित यौन शोषण के मामले की जांच कर रही केरल पुलिस के स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) ने इस संबंध में अब तक 44 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। जांच की निगरानी कर रहीं DIG एस. अजीता बेगम ने बताया कि लड़की के कथित यौन उत्पीड़न के संबंध में 30 FIR दर्ज की गई हैं और मामलों में नामित 59 आरोपियों में से 44 को गिरफ्तार कर लिया गया है।
अधिकारी ने टीवी चैनल को बताया, "दो आरोपी फरार हैं और वे फिलहाल विदेश में हैं। हम उनके लिए ‘लुकआउट सर्कुलर’ जारी करने पर विचार कर रहे हैं। हम ‘इंटरपोल’ के जरिए उनके लिए ‘रेड कॉर्नर नोटिस’ जारी करने की भी योजना बना रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि इनके अलावा 13 और लोगों को गिरफ्तार किया जाना है।
कैसे दिया गया हैवानियत को अंजाम?
पुलिस के अनुसार, अब तक की जांच में सामने आया है कि पथनमथिट्टा के एक प्राइवेट बस स्टैंड पर कई आरोपियों ने लड़की से मुलाकात की थी। इसके बाद उसे गाड़ियों में अलग-अलग जगहों पर ले जाया गया और उसका उत्पीड़न किया गया।
जांच में यह भी पाया गया कि पिछले साल जब लड़की 12वीं कक्षा में पढ़ रही थी, तो उसे Instagram के जरिए जानने वाला एक युवक उसे रन्नी में रबर के एक बागान में ले गया, जहां उसने तीन और लोगों के साथ मिलकर लड़की से दुष्कर्म किया।
पुलिस के मुताबिक, जांच से पता चला है कि उसके साथ कम से कम पांच बार सामूहिक दुष्कर्म किया गया, जिसमें कार के अंदर और जनवरी 2024 में पथनमथिट्टा जनरल अस्पताल में हुई घटनाएं भी शामिल हैं।
13 साल की उम्र से 62 लोगों ने किया यौन शोषण
अब 18 साल की हो चुकी लड़की ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि 13 साल की उम्र से 62 व्यक्तियों ने उसका यौन शोषण किया।
शैक्षणिक संस्थान में पीड़िता के शिक्षकों ने उसके व्यवहार में बदलाव के बारे में बाल कल्याण समिति को बताया और इसके बाद आयोजित ‘काउंसलिंग’ के दौरान ये मामले सामने आए।
इसके बाद समिति ने पुलिस को सूचित किया और जांच जारी है।
जांच के लिए जिला पुलिस प्रमुख वी. जी विनोद कुमार की निगरानी में पथनमथिट्टा के DSP पी.एस. नंदकुमार के नेतृत्व में SIT का गठन किया गया।