बिहार के छपरा में एक रेल कर्मचारी की सूझबूझ से बड़ा हादसा टल गया। थोड़ी भी देरी होती तो एक बड़ी अनहोनी हो सकती थी। हालांकि लोको पायलट और ट्रैकमैन के अलर्ट होने से कई लोगों की जिंदगी बच गई। दरअसल, कोलकाता एक्सप्रेस ट्रेन कोलकाता से गाजीपुर जा रही थी। तभी ट्रेन जब बिहार के छपरा के पास पहुंची तो कुछ दूरी पर पटरी टूटी हुई थी। इस बीच ट्रैनमैन गश्त पर निकला। ट्रैक मैन ने देखा कि पटरी टूटी हुई है और तेजी से कोलकाता एक्सप्रेस ट्रेन आ रही है। ऐसे में ट्रैकमैन ने फौरन इमरजेंसी उपाय शुरू कर दिए। जिससे ट्रेन एक बड़े हादसे का शिकार होने से बच गई।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, छपरा जंक्शन से थोड़ी सी दूरी पर छपरा गौतम स्थान रेलखंड के बीच में सेगर टोला के सामने रेल पटरी टूटी हुई थी। ट्रैकमैन सुबह-सुबह निरीक्षण के लिए जा रहा था। इस बीच, उसकी नजर टूटी हुई पटरी पर पड़ी। इसके बाद उसकी तत्परता से रेल हादसा टल गया। इसके बाद अधिकारियों ने राहत की सांस ली।
ट्रैक मैन ने पटरी पर फोड़ दिए बम
ट्रैक मैन गौतम राय ने लोकल 18 से बातचीत करते हुए कहा कि इमरजेंसी के समय ट्रेन रोकने के लिए कुछ उपाय किए जाते हैं। इसमें पटरी पर बम फोड़ा जाता है। ताकि उसकी आवज सुनकर लोको पायलट अलर्ट हो जाए और फौरन इमरजेंसी ब्रेक लगाए। इसी उपाय के तहत गौतम ने बताया कि जैसे ही मैंने टूटी पटरी देखी और सामने से ट्रेन ते हुए देखा तो मैं घबरा गया। इसके बाद फौरन अपने आप को संभालते हुए ट्रैक पर बम फोड़ने लगा। इसके साथ ही लाल झंडी भी लेकर खड़ा गया। जिससे कोलकाता एक्सप्रेस के लोको पायलट ने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन को रोक दिया है। इसके बाद एक बड़ा रेल हादसा टल गया। गौतम ने बताया कि अगर ट्रेन नहीं रुकती तो टूटी पटरी को पार करने पर बड़ा हादसा हो सकता था।
टूटी पटरी से 100 मीटर दूर रुक गई ट्रेन
बताया जाता है की टूटी पटरी से 100 मीटर पहले ही ट्रेन को रोक दिया गया था। ट्रैकमैन ने अगर सूझबूझ का परिचय नहीं दिया होता तो बहुत बड़ी दुर्घटना हो सकती थी। इसकी जानकारी मिलने के बाद ट्रैक को ठीक किया गया। उसके बाद ट्रेन आगे के लिए रवाना हुई। रेल अधिकारियों के मुताबिक, रेलवे ट्रैक को ठीक करके ट्रेनों की आवाजही शुरू कर दी गई है।