अकसर आपको खबरों में लोगों के साहस और लंबे संघर्ष की कहानी सुनने या जानने को मिलती होगी, जिसमें कई सालों की लड़ाई के बाद उन्हें सिस्टम से न्याय मिल पाता है। आज हम आपको एक ऐसी ही लड़ाई की कहानी बताने जा रहे हैं। जिसमें कोटा के एक शख्स ने आईआरसीटीसी से अपने 35 रुपए के लिए पूरे 5 सालों तक लड़ाई लड़ी और फिर जाकर न्याय मिला। इस लड़ाई का फायदा 10 लाख से ज्यादा लोगों को हुआ।
दरअसल कोटा के एक वकील सुजीत स्वामी ने अप्रैल 2017 में 2 जुलाई को यात्रा करने के लिए गोल्डन टेंपल में कोटा से नई दिल्ली के लिए टिकट बुक किया था। वेटिंग होने के कारण वे यात्रा नहीं कर पाए और उन्होंने 765 रुपए की कीमत वाला टिकट कैंसिल करवा दिया था, लेकिन रेलवे ने 65 के बजाय 100 रुपए की कटौती करके उनसे सर्विस टैक्स के रूप में 35 रुपए की ज्यादा वसूले, जिसको लेकर सुजीत स्वामी कोर्ट पहुंच गए और 5 साल की लंबी लड़ाई के बाद उनको न्याय मिल पाया। इस लड़ाई से न सिर्फ सुजीत स्वामी को फायदा हुआ, बल्कि उनके साथ 10 लाख से ज्यादा लोगों को भी फायदा हुआ।
RTI लगाकर रेलवे से मांगी थी सूचना
वकील ने बताया कि उन्होंने अपने साथ हुई इस घटना को लेकर 2017 में RTI लगाकर जानकारी मांगी थी, जिसमें उन्होंने ये जानकारी मांगी थी कि ऐसे कितने यात्री हैं, जिसके साथ सर्विस टैक्स के रूप में 35 रुपए की कटौती की गई। इसके जवाब में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई। रेलवे की तरफ से दी गई जानकारी में सामने आया कि करीब 10 लाख से ज्यादा लोगों से 35 रुपए सर्विस टैक्स के रूप में वसूले गए।
रेल मंत्री और पीएम को भी लिखा पत्र
सुजीत ने बताया कि उन्होंने इस मामले को लेकर रेलवे मंत्री से लेकर प्रधानमंत्री तक को पत्र लिख कर सभी लोगों से जो अतिरिक्त पैसे वसूले गए हैं, उसे लौटाने की मांग की। सुजीत ने आगे बताया कि मई 2019 में रेलवे ने उनके बैंक अकाउंट में 33 रुपए वापस कर दिए, जिससे वो काफी खुश भी थे। लेकिन उनका मानना था कि IRCTC को पूरे 35 रुपए लौटाने चाहिए थे, जबकि IRCTC ने 2 रुपए कम ही वापस किए थे। इसको लेकर सुजीत ने फिर से लड़ाई शुरू की।
उन्होंने अपने साथ-साथ सभी उपभोक्ताओं को रिफंड लौटाने की मांग की। रेल मंत्रालय के वित्त आयुक्त और सचिव भारत सरकार, रेलवे बोर्ड के डिप्टी डायरेक्टर पैसेंजर मार्केटिंग, IRCTC, मिनिस्ट्री ऑफ फाइनेंस (रेवेन्यू) डिपार्टमेंट के सचिव और जीएसटी काउंसिल तक ये मामला पहुंचा। सुजीत ने पीएम नरेंद्र मोदी, मंत्री अनुराग ठाकुर, निर्मला सीतारमण, रेल मंत्री को कटाक्ष करते हुए ट्वीट भी किए थे।
सुजीत के पास IRCTI के अधिकारी का फोन आया। उन्होंने सभी उपभोक्ताओं के रिफंड रेलवे बोर्ड से अप्रूव होने की जानकारी दी। इसके साथ ही IRCTC ने सुजीत के बैंक अकाउंट की जानकारी मांगी। सुजीत के अकाउंट में रेलवे से 2 रुपए का रिफंड भी आया, जिसके बाद सुजीत ने पांच साल चले संघर्ष पूरा होने के बाद धन्यवाद कहने के लिए 535 रुपए PM CARES फंड में ट्रांसफर किए।