Licence for Beggars: इस देश के शहर में भीख मांगने के लिए लोग लेते हैं लाइसेंस, जानिए आखिर क्या है वजह
Licence for Beggars: वैसे तो भीख मांगने के लिए कोई लाइसेंस की जरूरत नहीं रहती है। लेकिन यूरोप के स्वीडन में एस्किलस्टूना शहर में भीख मांगने के लिए लाइसेंस लेना पड़ता है। यह लाइसेंस लेने के लिए पैसे देना पड़ता है। यानी भीख मांगने से पहले सरकार को पैसे देने पड़ते हैं
Licence for Beggars: स्वीडन में भीख मांगने के लिए लाइसेंस का नियम साल 2019 में लागू किया गया था।
दुनिया में हर कोई रोजी-रोटी के लिए कुछ न कुछ उपाय करते हैं। आजकल की इस अर्थयुग में नौकरी या कारोबार कुछ न कुछ जरूर करना चाहिए। वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं। जिनके लिए दो वक्त के खाने के लिए भी कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है। बहुत से लोग हैं, जो भीख मांगकर जीवनयापन करने के लिए मजबूर हैं। ऐसे ही एक ऐसा देश है, जहां के लोगों को भीख मांगने के लिए भी लाइसेंस लेना पड़ता है। बता दें कि यूरोप के स्वीडन में एस्किलस्टूना शहर में भीख मांगने के लिए लाइसेंस लेना पड़ता है। यह नियम साल 2019 में लागू किया गया था।
दरअसल आपने अपने शहर में जरूर रेलवे स्टेशन, बस अड्डा, मंदिर, मेट्रो स्टेशन, बाजार या किसी अन्य जगह पर किसी को भीख मांगते देखा होगा। कई बार इन्हें लोग कुछ न कुछ दे देते हैं। लेकिन अगर इन्हें भीख मांगने के लिए लाइसेंस लेना पड़े तो आप समझ सकते हैं कि क्या वाकई में इन्हें भीख मांगने की जरूरत है?
यहां भीख मांगने के लिए लेना होता है लाइसेंस
यूरोपीय देश स्वीडन स्थित ‘एस्किलस्टूना’ शहर की आबादी करीब एक लाख है। स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम से पश्चिम की ओर यह शहर पड़ता है। कुछ साल पहले यहां पर भीख मांगने वालों के लिए लाइसेंस फीस अनिवार्य कर दिया गया। इस नियम का मतलब है कि अगर यहां पर कोई व्यक्ति लोगों से भीख मांगना चाहता है तो इसके लिए उन्हें सबसे पहले इजाजत लेना होगा। यह अनुमति उन्हें एक छोटी सी फीस चुकाने के बाद ही मिलेगी। इसे साल 2109 में ही लागू किया गया था। इस नियम के तहत भीख मांगने वाले को एक वैलिड आईडी कार्ड मिलता है। भीख मांगने का लाइसेंस 250 स्वीडिश क्रोना खर्च करने पर बनता है। यहां के स्थानीय नेताओं से हवाले से कहा गया है कि वो यहां पर भीख मांग की प्रॉसेस को मुश्किल बनाना चाहते हैं।
शहर में कितने भिखारी हैं, चल जाएगा पता
भीख मांगने के लिए लाइसेंस देने के मामले में स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि इससे पता चल जाएगा कि शहर में कितने भिखारी हैं। ऐसे में इन भिखारियों से संपर्क कर उन्हें जरूरी सामान मुहैया कराया जा सकता है। वहीं एस्किलस्टूना के म्युनिसिपल काउंसिलर का कहना है कि यहां पर इस तरह की दिक्कतों को जानबूझकर नौकरशाही ढांचे में शामिल किया जा रहा है। इसे कठिन बनाया जा रहा है। इधर स्थानीय मीडिया का कहना है कि लाइसेंस नियम लागू करने से भिखारियों की संख्या में कमी आई है। बहुत से लोग छोटा-मोटा कारोबार करना शुरू कर दिया है।