Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका। 19 अप्रैल से मतदान शुरू हो जाएंगे। पूरे देश में कुल 7 चरणों में चुनाव होंगे। देश में आदर्श आचार संहिता चुनाव की घोषणा होने के बाद ही लागू हो जाती है। सुरक्षाबल भी लगातार चुनाव को साफ-सुथरे और निष्पक्ष तरीके से कराने के लिए सुरक्षा जांच करते रहते हैं। राजनीतिक दलों की ओर से चुनाव के दौरान मतदाताओं को लुभाने का काम शुरू हो जाता है। जिसमें लोगों को कैश, शराब की बोतले, अन्य कई सामान बांटने की खबरें सामने आती रहती हैं।
चुनाव आयोग (Election Commission of India) के निर्देश पर चुनावों के दौरान अवैध तौर पर या नियमों के खिलाफ इस्तेमाल होने वाली नगदी और शराब को पुलिस द्वारा जब्त कर लिया जाता है। सवाल यह है कि चुनाव में बरामद होने वाले इन करोड़ों रुपयों और शराब का क्या होता है और ये कहां जाती है?
चुनाव में होता है काले धन का इस्तेमाल
चुनाव में ज्यादातर काले धन का इस्तेमाल किया जाता है। आयोग ने चुनाव लड़ने के लिए पैसे खर्च करने की जो लिमिट तय की है। प्रत्याशी उससे ज्यादा पैसे खर्च करते हैं। काले धन का चुनाव के उन कामों में इस्तेमाल किया जाता है। जिसका कोई हिसाब नहीं दिया जाता है। ऐसे में पार्टियों और प्रत्याशियों के पास अलग-अलग जगहों से भारी मात्रा में कैश पहुंचाया जाता है। पुलिस भी इसके लिए तैयार रहती है। वह संदिग्ध दिखने वाले वाहनों और लोगों की चेकिंग और पूछताछ करती रहती है। इसके अलावा पुलिस को अपने सूत्रों या मुखबिरों से भी जानकारी मिल जाती है। पुलिस चुनाव के दौरान शराब, कैश कई बार बरामद कर चुकी है।
चुनाव में जब्त सामान किसे मिलता है वापस
चुनाव के दौरान मिले सभी सामानों एक जगह एकत्र किया जात है। इसके बाद शराब को नष्ट कर दिया जाता है। चुनाव के दौरान पुलिस जो भी कैश जब्त करती है। उसे आयकर विभाग को सौंप दिया जाता है। वहीं जिस व्यक्ति से पुलिस कैश बरामद करती है। वो व्यक्ति बाद में इसके लिए क्लेम कर सकता है। इस दौरान उस व्यक्ति को ये साबित करना होगा कि ये पैसा उसका अपना है। उसने इन पैसों को किसी अवैध तरीके से नहीं कमाया है। अगर उस व्यक्ति ने इसकी पूरी जानकारी सबूत के तौर पर पेश करता है तो विभाग की ओर से उसे पैसे वापस कर दिए जाते हैं। वहीं जिन पैसों का कोई दावा नहीं करता है। उसे सरकारी खजाने में जमा कर दिया जाता है।
जरूरी नहीं है कि चुनाव के वक्त जो पैसे बरामद किए जाते हैं। उन्हें बांटने के लिए ही ले जाया जा रहा हो। कुछ लोग काम और बिजनेस के लिए भी कई बार पैसे लेकर जाते हैं। कई बार ऐसे लोग भी पुलिस की गिरफ्त में आ जाते हैं। सोर्स पता नहीं चलने पर वर्षों तक इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के पास पैसा पड़ा रहता है। पैसा अवैध तरीके से चुनाव में इस्तेमाल के लिए होता है, तो कोई क्लेम करने नहीं आता है।