पिछले साल एंप्लॉयीज के बीच चुपचाप नौकरी से इस्तीफा देने का ट्रेंड देखने को मिला था। इस साल यह ट्रेंड बदलता दिख रहा है। Quiet Quitting की जगह Loud Quitting ने ली है। लाउड क्विटिंग का मतलब एंप्लॉयीज के इस्तीफे का ऐलान सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर करने से है। यही नहीं एंप्लॉयीज नौकरी से जुड़े अपने गुस्से का इजहार भी ऑनलाइन कर रहे हैं। ये एंप्लॉयीज अपने इस्तीफे का ऐलान इंस्टाग्राम लाइव या TikTok पर कर रहे हैं। उनका मकसद यह है कि उनके इस्तीफे की खबर वायरल हो जाए। यह अलग बात है कि HR प्रोफेशनल्स अक्सर एंप्लॉयीज को लाउड क्विटिंग के खिलाफ चेतावनी देते रहते हैं।
लाउड क्विटिंग का मतलब नाटकीय तरीके से नौकरी से इस्तीफा देने से है। कई बार तो loud Quitting करने वाले एंप्लॉयीज इस बारे में अपने बॉस को भी नहीं बताते। वे सीधे सोशल मीडिया पर अपनी इस्तीफे का ऐलान करते हैं। पहले भी इस तरह के मामले देखे गए हैं। लेकिन, पिछले कुछ समय से लाउड क्विटिंग का ट्रेंड तेजी से बढ़ता दिख रहा है। Gallup की 2023 वर्कप्लेस रिपोर्ट बताती है कि कम से कम 5 में से एक एंप्लॉयी लाउड क्विटिंग कर रहा है।
लाउड क्विटिंग से एंप्लॉयी को नुकसान
Insperity की एमडी निकी जॉरजेनसेन ने कहा कि नई पीढ़ी के लोग डिजिटल में ज्यादा भरोसा रखते हैं। इसलिए वे जिदंगी में हर बड़े बदलाव की जानकारी सोशल मीडिया पर देना पसंद करते हैं। हालांकि, सोशल मीडिया पर इस्तीफे देने के चलन के कई गलत नतीजें हो सकते हैं, लेकिन एंप्लॉयीज इसकी परवाह नहीं करते। लेकिन, सच यह है कि लाउड क्विटिंग से पहले एंप्लॉयीज को दो बार सोच लेना चाहिए।
प्रॉब्लम का समाधान लाउड क्विटिंग नहीं
जॉरजेनसेन उन कई एक्सपर्ट्स में शामिल हैं, जिनका मानना है कि loud Quitting का मतलब उस पुल को नष्ट कर देना है जिसकी जरूरत भविष्य में पड़ सकती है। इसके चलते एंप्लॉयीज को बहुत अच्छे नजरिए से नहीं देखा जाता है। उन्होंने कहा कि एंप्लॉयीज को जब यह लगे कि काम के मामले में उन्हें दिक्कत हो रही है तो उन्हें इसके बारे में अपने मैनेजर्स से बातचीत करनी चाहिए। उन्हें वर्कप्लेस पर बदलाव के लिए पॉजिटिव रास्ता अपनाना चाहिए। जब एंप्लॉयीज किसी कंपनी के भरोसे को तोड़ते हैं तो इसका मतलब है कि वे उस पुल को गिरा रहे हैं, जिसकी जरूरत उन्हें कभी पड़ सकती है।