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Maha Kumbh 2025: सावधान! महाकुंभ में ठग श्रद्धालुओं को बना रहे निशाना, सीधे-सादे लोग ऐसे बन रहे शिकार

Maha Kumbh Mela 2025: आज के डिजिटल युग में ऑनलाइन धोखाधड़ी एक आम खतरा बन गई है। ठग महाकुंभ में सीधे-सादे लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। इससे ऑनलाइन लेनदेन के दौरान सतर्कता रहने की जरूरत है। प्रयागराज में 13 जनवरी से 26 फरवरी तक आयोजित होने वाले महाकुंभ में विदेशों सहित विभिन्न क्षेत्रों से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है

अपडेटेड Jan 14, 2025 पर 9:15 AM
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Maha Kumbh Mela 2025: दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन महाकुंभ 13 जनवरी को शुरू हुआ

Prayagraj Maha Kumbh Mela 2025: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में पौष पूर्णिमा के स्नान के साथ पृथ्वी पर हर 12 साल में आयोजित होने वाला सबसे बड़ा धार्मिक समागम महाकुंभ मेला सोमवार (13 जनवरी) से शुरू हो गया। मेल प्रशासन के मुताबिक, सोमवार को शाम छह बजे तक 1.65 करोड़ श्रद्धालुओं ने गंगा और संगम में आस्था की डुबकी लगाई। इस दौरान, श्रद्धालुओं पर हेलीकॉप्टर से फूल बरसाए गए। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी श्रद्धालुओं, संत महात्माओं, कल्पवासियों और आगंतुकों का स्वागत करते हुए महाकुंभ के प्रथम स्नान की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने महाकुंभ को भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक गरिमा का प्रतीक बताया।

महाकुंभ में लगभग 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने तीर्थयात्रियों को साइबर धोखाधड़ी और ठगी से बचाने के लिए व्यापक उपाय किए हैं। हालांकि इसके बावजूद ठग महाकुंभ में सीधे-सादे लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। मेले में UPI और QR कोड के जरिए भुगतान करते वक्त अधिक से अधिक सावधानी बरतें। कई बार भक्तों को फर्जी क्यूआर कोड के जरिए पैसे लेकर उन्हें ठग लिया जाता है।

UPI और QR कोड से भुगतान इस वक्त आम बात है। ठग नकली QR कोड, दान लिंक शेयर करके भक्तों का शोषण कर सकते हैं। इसलिए पूरी तरह से डिजिटल भुगतान पर निर्भर रहने के बजाय नकद भुगतान पर भरोसा किया जाए। इसके अलावा ऑनलाइन ठग महाकुंभ में पहली बार आने वाले लोगों को ऐसी वेबसाइट या विज्ञापनों के जरिए लुभा सकते हैं। इनमें सस्ती उड़ानें और ऐसे होटल दिखाए जाते हैं, जो होते ही नहीं।


शिकार बनने का सबसे आम तरीका है पहले से भुगतान करना। इसलिए अपने पसंदीदा होटल या कमरे पर पहुंचने से पहले भुगतान करने से बचें। रजिस्टर्ड पोर्टल और बुकिंग वेबसाइट जैसी प्रमुख सार्वजनिक प्रणालियां साइबर अपराधियों द्वारा टारगेट की जा सकती हैं। फिशिंग ईमेल और नकली UPI भुगतान अनुरोध व्यक्तियों को व्यक्तिगत डेटा शेयर करने के लिए मजबूर करने की सामान्य रणनीतियां हैं।

स्कैमर्स आमतौर पर आपके व्यक्तिगत डेटा को चुराने या डिवाइस को हैक करने के लिए असुरक्षित सार्वजनिक वाई-फाई नेटवर्क का उपयोग करने के लिए जाने जाते हैं। डिफॉल्ट आईपी से जुड़े निगरानी सिस्टम का भी दुरुपयोग किया जा सकता है। इसलिए, महाकुंभ में हॉटस्पॉट या सार्वजनिक वाई-फाई की तुलना में अपने मोबाइल डेटा पर भरोसा करना सबसे अच्छा है।

अंधेरी वेस्ट में रहने वाले 75 वर्षीय एक बुजुर्ग व्यक्ति से हाल ही में महाकुंभ के लिए टिकट और होटल बुकिंग करने का प्रयास करते समय 1 लाख रुपये ठग लिए गए। सेवन बंगला क्षेत्र के रहने वाले पीड़ित ने अधिकारियों को घटना की सूचना देते हुए बताया कि उसे ऑनलाइन नंबर के माध्यम से धोखेबाज एजेंट मिले थे।

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इसलिए महाकुंभ मेले में फर्जी वेबसाइट या विज्ञापन से भी बचकर रहें। बुकिंग करते वक्त सरकार की ऑफिशियल वेबसाइट या IRCTC जैसे भरोसेमंद ट्रैवल प्लेटफॉर्म को ही चुनें। एक अधिकारी ने बताया कि मेले में किसी भी तरह के फर्जीवाड़े से बचे रहने के लिए महाकुंभ पुलिस ऐप को जरूर डाउनलोड कर लें।

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