Maha Kumbh Mela 2025: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार (19 फरवरी) को फेकल बैक्टीरिया की रिपोर्ट खारिज करते हुए इसे महाकुंभ को बदनाम करने की साजिश करार दिया। सीएम योगी ने कहा कि सनातन धर्म, मां गंगा, भारत या महाकुंभ के खिलाफ निराधार आरोप लगाना। 'फर्जी वीडियो' प्रसारित करना प्रयागराज में चल रहे मेले में पवित्र डुबकी लगाने वाले करोड़ों लोगों की आस्था के साथ खिलवाड़ करने जैसा है। योगी ने कहा कि संगम का जल स्नान लायक और आचमन करने लायक है।
सीएम योगी ने पूरी टेस्टिंग रिपोर्ट भी विधानसभा में रखी जो यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से दी गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जो लोग कह रहें है कि संगम का जल स्नान एवं आचमन लायक नहीं है वो सिर्फ महाकुंभ को बदनाम करने का प्रयास कर रहा है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि संगम का पानी न केवल डुबकी लगाने के लिए बल्कि पीने के लिए भी उपयुक्त है।
उन्होंने कहा कि सीपीसीबी की फेकल बैक्टीरिया रिपोर्ट के बाद महाकुंभ को बदनाम करने के लिए कथित दुष्प्रचार किया जा रहा है। दरअसल, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने सोमवार को राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) को सूचित किया कि चल रहे महाकुंभ के दौरान प्रयागराज में विभिन्न स्थानों पर फेकल कोलीफॉर्म का स्तर स्नान के लिए प्राथमिक जल गुणवत्ता के अनुरूप नहीं है।
सीपीसीबी के अनुसार, फेकल कोलीफॉर्मकी स्वीकार्य सीमा 2,500 यूनिट प्रति 100 एमएल है। एनजीटी अध्यक्ष जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव, न्यायिक सदस्य जस्टिस सुधीर अग्रवाल और विशेषज्ञ सदस्य ए सेंथिल वेल की पीठ प्रयागराज में गंगा और यमुना नदियों में अपशिष्ट जल के बहाव को रोकने के मुद्दे पर सुनवाई कर रही थी।
पीठ ने कहा कि सीपीसीबी ने तीन फरवरी को एक रिपोर्ट दाखिल की थी, जिसमें कुछ गैर-अनुपालन या उल्लंघनों की ओर इशारा किया गया। रिपोर्ट में कहा गया है, "नदी के पानी की गुणवत्ता विभिन्न अवसरों पर सभी निगरानी स्थानों पर अपशिष्ट जल फेकल कोलीफॉर्म के संबंध में स्नान के लिए प्राथमिक जल गुणवत्ता के अनुरूप नहीं थी। प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान बड़ी संख्या में लोग नदी में स्नान करते हैं, जिसमें अपशिष्ट जल में वृद्धि होती है।"
पीठ ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) ने कार्रवाई रिपोर्ट दाखिल करने के एनजीटी के पूर्व के निर्देश का अनुपालन नहीं किया है। एनजीटी ने कहा कि यूपीपीसीबी ने केवल कुछ जल परीक्षण रिपोर्टों के साथ एक पत्र दाखिल किया। एनजीटी ने उत्तर प्रदेश राज्य के वकील को रिपोर्ट पर गौर करने और जवाब दाखिल करने के लिए एक दिन का समय दिया।
56 करोड़ लोगों ने संगम में किया स्नान
उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार को दावा किया कि प्रयागराज में 13 जनवरी से शुरू हुए महाकुंभ में अब तक 55 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाई है। मेला प्रशासन की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक मंगलवार शाम आठ बजे तक 1.26 करोड़ लोगों ने गंगा और संगम में डुबकी लगाई। जबकि 13 जनवरी से 18 फरवरी तक स्नान करने वाले लोगों की कुल संख्या बढ़कर 55.56 करोड़ पहुंच गई है।