बेंगलुरु के एस्टेट एजेंट को लगी 1.3 करोड़ की चपत, JP Morgan के नाम पर इनवेस्ट करना पड़ा महंगा

बेंगलुरु के एक रिएल एस्टेट एजेंट को ऑनलाइन स्कैमर्स ने करोड़ों को चूना लगाया। ऑनलाइन इनवेस्टमेंट के नाम पर आदमी से करोड़ों को निवेश करवाया। जब आदमी ने पेमेंट का रिक्वेस्ट डाला तो उसे पता चला कि वो ऑनलाइन ठगी का शिकार हो गया है। जानिए क्या है पूरा विवाद-

अपडेटेड Jan 09, 2024 पर 2:34 PM
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साइबर क्रिमिन्ल्स ने करवाई करोड़ों की इनवेस्टमेंट आदमी को लगाया चूना

बेंगलुरु के एक एस्टेट एजेंट हाल ही में साइबर क्राइम का शिकार हुआ। साइबर क्रिमिनल्स JP Morgan के झूठे इनवेस्टर्स बनकर आए और अपनी स्कीम में एजेंट को इनवेस्ट करने के लिए मनाया। 43 साल के पीड़ित पूरी तरह से उनके झांसे में आ गए और लगातार दो महीनों तक उन्हें पेमेंट करते रहे। फिर अचानक से उन्हें एहसास हुआ कि उन्हें ठग लिया गया है। आदमी ने अपनी पहचान छिपाते हुए नाम वी. बालाजी बताया। Deccan Herald को दिए गए इंटरव्यू में आदमी ने बताया कि उसने अपनी जिंदगी की सारी जमा पूंजी स्कैम में लगा दी थी। ज्यादा रिटर्न की उम्मीद में आदमी ने और भी पैसा इधर-उधर से उधार पर ले लिया। पहले से ही कर्जे में डूबे इस आदमी ने पत्नी के गहने तक दांव पर लगा दिए। यहीं नहीं जमीन को भी इनवेस्टमेंट के लिए बेच दिया।

स्टॉक से जुड़ी डिटेल्स

बालाजी ने बताया की स्कैम की शुरुआत एक मीनाक्षी नाम की महिला के व्हाट्सऐप मैसेज से शुरू हुआ। महिला ने खुद को JP Morgan का एक एंप्लॉयी बताया। साथ ही बालाजी को कई बेहतरीन मौकों के बारे में डिटेल दी जिससे वो ज्यादा रिटर्न हासिल कर सकते हैं। दिन में दो बार जूम क्लासेस भी रखी जातीं जहां स्टॉक से जुड़ी टिप्स और इनवेस्टमेंट एडवाइस भी दी जाती।

ऐप के जरिए इनवेस्टमेंट

बालाजी ने Deccan Herald को बताया कि "मैं आम तौर पर स्पैम मैसेजेस को ब्लॉक करता हूं।लेकिन गलती से मैंने उस महिला पर विश्वास कर लिया। जिस तरह से उन्होंने पूरी घटना को अंजाम दिया अनुभवी से अनुभवी व्यापारी को डाउट नहीं होती। बालाजी 'मॉर्गन कैपिटल बी5' नाम के एक व्हाट्सएप ग्रुप में शामिल हुए और जूम क्लासेस में एंट्री करने लगे। क्लासेस में एक आदमी ने उन्हें स्टॉक टिप्स दिेए। सभी को "जेपी मॉर्गन" नाम का एक ऐप डाउनलोड करने का भी निर्देश दिया जो बाद में फेक निकला।

पेमेंट कर दी खारिज


स्टॉक ट्रेडिंग से उसके "मुनाफे" के साथ बैंक ट्रांजेक्शंस भी ऐप पर दिखाई दे रही थीं। एक बार बालाजी ने रिक्वेस्ट डाली और वहां से 12,000 रुपये निकालने में कामयाब रहे। कहते हैं कि "इससे मुझे विश्वास हो गया कि यह सब सही है। व्हाट्सएप ग्रुप पर कई लोग ऐसे भी थे जो अपनी कमाई के स्क्रीनशॉट शेयर करते थे। इससे यह और ज्यादा सच लगता।

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पुलिस में शिकायत करवाई दर्ज

हालांकि, बाद में 28 दिसंबर को बालाजी ने 10 लाख रुपये की रिक्वेस्ट डाली जो रिजेक्ट कर दी गई। ऐप पर किसी टेक्निकल फॉल्ट के बारे में बताया गया और कहा गया कि इसे जल्द ही सुलझा लिया जाएगा। इसके बाद अचानक कांटेक्ट बंद कर दिया गया। तब तक 43 वर्षीय बालाजी 1,30,10,000 रुपये की इनवेस्टमेंट कर चुके थे। 3 जनवरी को बालाजी ने पुलिस से संपर्क किया और शिकायत दर्ज कराई। मामले की आगे की जांच चल रही है।

MoneyControl News

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First Published: Jan 09, 2024 2:32 PM

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