बजट (Budget 2024) को सुनना और समझना दो अलग-अलग चीजें है। बजट में किए गए ऐलानों का शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म इंपैक्ट रहेगा इसे सिर्फ बजट एक्सपर्ट (Budget Expert) ही बता पाते हैं। इकोनॉमी के जानकार भी बजट को डिकोड (Budget Decode) करने में माहिर हैं। लेकिन जब बात आम जनता की आती है तो वो वादों और दावों में अंतर नहीं कर पाती। कुल मिलाकर बजट (Budget for Common) उनके सिर के ऊपर से टप्पा मारकर जाता है। ऐसी स्थिति में आदमी के पास दो रास्ते होते हैं या तो किसी जानकार से इसके बारे में पूछे या जो समझ आ गया उसी में खुश रहे। खैर हमारे पास एक तीसरी जनता भी है जो समझ ना आने पर रिएक्ट भी करती है और ट्रोल भी। बजट भाषण (Budget Speech) के खत्म होने पर सोशल मीडिया की जनता जनार्धन ने अपनी राय व्यक्त की है। बजट को लेकर उनकी नाराजगी साफ दिख रही है। साथ ही मिडिल क्लास के लोगों की हालत पर भी व्यंग्य कसे जा रहे हैं।
देखिए कैसे मिडिल क्लास समझ रही है बजट
सबको याद आ रहे हैं कॉमर्स स्टूडेंट्स
बजट पर लोग सीए और कॉमर्स स्टूडेंट् को भी याद कर रहे हैं। ज्यादातर यूजर्स मीम के जरिए B. Com वालों की इंपोर्टेंस बता रहे हैं। कुल मिलाकर बजट वाले दिन उनकी अहमियत बढ़ते हुए तो दिख रही है। लोगों को गोलमाल के वसूली भाई भी याद आ रहे हैं - समझ नहीं आया पर सुनकर अच्छा लगा।
क्या बजट को डिकोड करते हुए आपका भी होता है ऐसा ही हाल
अब कुछ लोगों को बजट ना समझ आए तो वो अब्बा-डब्बा-जब्बा पर भी आ गए। ऐसे में मिडिल क्लास वाले 3 इडियट्स के एक सीन की तरह बजट में टैक्स रिलीफ ढूंढ रहे हैं। अब लोगों को समझ नहीं आ रहा है कि हंसे या रोएं। जिनको बजट समझ आया वो कह रहे हैं कि ठीक है पर ज्यादा आशावादी नहीं है। वहीं जिनको समझ नहीं आया वो भावनाओं में बहकर बजट को डिकोड करने में लगे हैं। खैर आप चाहे जिस भी कैटेगरी से खुद को रिलेट कर रहे हैं। कुल मिलाकर ये मीम्स सिर्फ फन के लिए हैं।