दिल्ली मेट्रो (Delhi Metro) आज के वक्त में राजधानी की लाइफ लाइन बन चुकी है। रोजाना हजारों-लाखों की तादाद में यात्री इससे सफर करते हैं। बिना दिल्ली मेट्रो के आज इस शहर की कल्पना करना भी मुश्किल है। लाखों यात्री रोजाना शहर के अलग हिस्सों में पहुंचने के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं। लेकिन देश का एक महानगर ऐसा भी है जहां पर दिल्ली से भी पहले मेट्रो रेल सर्विस की शुरुआत हो गई थी। इसी शहर में देश की सबसे पहली और पुरानी मेट्रो सर्विस आज भी मौजूद है। आइये जानते हैं उस शहर वहां पर चली देश की सबसे पहली मेट्रो रेल सर्विस के बारे में।
देश में कहां चली थी सबसे पहली मेट्रो ट्रेन
पश्मिम बंगाल की राजधानी कोलकाता ही वह जगह है जहां पर सबसे पहली बार देश में मेट्रो ट्रेन को पटरी पर दौड़ाया गया था। कोलकाता में साल 1984 में ही मेट्रो रेल सर्विस को शुरू कर दिया गया था। कोलकाता मेट्रो की प्लानिंग को साल 1971 तैयार किया गया था। 1 जून 1972 को इस प्रोजेक्ट को मंजूरी मिली और फिर उसी साल 29 दिसंबर को इसकी आधारशिला भी रखी गई। इसके 12 साल बाद 24 अक्टूबर 1984 को देश में सबसे पहली बार मेट्रो ट्रेन पटरियों पर दौड़ती हुई दिखाई दी।
पहली बार 3.4 KM तक चली मेट्रो
कोलकाता में सबसे पहली बार मेट्रो एस्प्लानेड से भवानीपुर (अब नेताजी भवन) तक 3.4 KM तक की दूरी के लिए चलाई गई थी। इसके बाद 27 सितंबर 1995 को दमदम से टॉलीगंज तक 17 स्टेशनों के 16.45 KM तक की दूरी के लिए कोलकाता मेट्रो का विस्तार किया गया। 29 दिसंबर 2010 को इसे क्षेत्रीय रेलवे का दर्जा दिया गया।
दिल्ली में कब शुरू हुई मेट्रो
देश की राजधानी दिल्ली की लाइफ लाइन कहे जाने वाली मेट्रो 24 दिसंबर 2022 को शुरू हुई थी। मौजूदा वक्त में यह देश में सबसे बड़ा मेट्रो रेल का नेटवर्क बन गया है। दिल्ली में मेट्रो की पटरियां लगभग 350 KM तक की दूरी में फैली हुई है। एक अनुमान के मुताबिक रोज लगभग 30 लाख से भी ज्यादा यात्री मेट्रो में सफर करते हैं। इसके अलावा यह दिल्ली के आस पास के इलाकों, जैसे कि नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद और गुड़गांव को भी राजधानी से कनेक्ट करती है। देश में फिलहाल लखनऊ, कानपुर और मुंबई समेत कई सारे शहरों में मेट्रो ट्रेनें चलाई जा रही हैं। इसके अलावा इंदौर और जयपुर शहरों में भी इसका काम चल रहा है।