सरकार ने BChat समेत 14 मैसेंजर एप्स को किया ब्लॉक, पाकिस्तान में अपने आकाओं को 'सीक्रेट मैसेज' भेजते थे आतंकी

केंद्र ने रक्षा बलों, खुफिया और जांच एजेंसियों की सिफारिश पर बड़ा कदम उठाते हुए जम्मू-कश्मीर में आतंकी समूहों द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे इन 14 मैसेंजर मोबाइल एप्लिकेशन को ब्लॉक किया है। सूत्रों ने कहा कि इन ऐप्स में क्रायपवाइजर, एनिग्मा, सेफस्विस, विकरमे, मीडियाफायर, ब्रायर, बीचैट, नंदबॉक्स, कॉनियन, आईएमओ, एलिमेंट, सेकेंड लाइन, जांगी, थ्रेमा आदि शामिल हैं

अपडेटेड May 01, 2023 पर 10:32 AM
Story continues below Advertisement
Digital Strike: इन मैसेंजर एप्स का उपयोग आतंकवादी समूहों द्वारा पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं के साथ सीक्रेट मैसेज के जरिए बातचीत करने के लिए किया जा रहा था

Digital Strike: जम्मू और कश्मीर (Jammu and Kashmir) में आतंकवाद के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए केंद्र सरकार ने कम से कम 14 मोबाइल एप्लिकेशन पर बैन लगा दिया है। सूत्रों ने बताया कि इन मैसेंजर एप्स का उपयोग आतंकवादी समूहों द्वारा पड़ोसी देश पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं के साथ सीक्रेट मैसेज के जरिए बातचीत करने के लिए किया जा रहा था। सूत्रों के मुताबिक, सरकार ने Crypviser, Enigma, Safeswiss, Wickrme, Mediafire, Briar, BChat, Nandbox, Conion, IMO, Element, Second Line, Zangi और Threema पर प्रतिबंध लगा दिया है।

News18 के मुताबिक, केंद्र ने रक्षा बलों, खुफिया और जांच एजेंसियों की सिफारिश पर बड़ा कदम उठाते हुए जम्मू-कश्मीर में आतंकी समूहों द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे इन 14 मैसेंजर मोबाइल एप्लिकेशन को ब्लॉक किया है। सूत्रों ने कहा कि इन ऐप्स में क्रायपवाइजर, एनिग्मा, सेफस्विस, विकरमे, मीडियाफायर, ब्रायर, बीचैट, नंदबॉक्स, कॉनियन, आईएमओ, एलिमेंट, सेकेंड लाइन, जांगी, थ्रेमा आदि शामिल हैं।

सरकार ने क्यों की कार्रवाई?


शीर्ष सूत्रों के मुताबिक, कई एजेंसियों ने पाया कि इन एप्स का इस्तेमाल कश्मीर में आतंकवादी अपने समर्थकों और ऑन-ग्राउंड वर्कर्स (OGW) के साथ संवाद करने के लिए कर रहे थे। सरकार ने पाया कि इन एप्स के भारत में प्रतिनिधि नहीं थे और भारतीय कानूनों के अनुसार जानकारी मांगने के लिए उनसे संपर्क नहीं किया जा सकता था। एजेंसियों ने कई मौकों पर एप्स मैनेजमेंट से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन भारत में संपर्क करने के लिए उनका कोई कार्यालय नहीं था।

सूत्रों ने आगे बताया कि रिपोर्ट के मुताबिक, इनमें से अधिकतर ऐप्स को यूजर्स को गुमनामी प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया था और इनके फीचर्स की वजह से एजेंसियों को इन यूजर्स तक पहुंचने में मुश्किल हो रहा था। उन्होंने कहा कि विभिन्न एजेंसियों के माध्यम से गृह मंत्रालय ने पाया कि ये मोबाइल एप्स आतंकवादियों और उनके सहयोगियों की मदद करते थे।

IT एक्ट के तहत हुई कार्रवाई

एक वरिष्ठ खुफिया अधिकारी ने News18 को बताया कि बैन किए गए ये एप्स जम्मू-कश्मीर में आतंकी प्रचार और युवाओं को भड़काते पाए गए हैं। अधिकारी ने कहा कि इन एप्स को सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 69A के तहत ब्लॉक किया गया है।

ये भी पढ़ें- ISIS Chief Dead: मारा गया ISIS प्रमुख अबू हुसैन अल-कुरैशी, सीरिया में घुसकर तुर्कीए ने किया आतंकी को ढेर

पिछले कुछ वर्षों में सरकार जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों के कम्युनिकेशन नेटवर्क में सेंध लगाने की कोशिश कर रही है। जिन एप्स को ब्लॉक किया गया है, उनके सर्वर अलग-अलग देशों में हैं, जिससे उन्हें ट्रेस करना मुश्किल हो जाता है। साथ ही भारी एन्क्रिप्शन के कारण इन ऐप्स को इंटरसेप्ट करने का कोई तरीका नहीं है।

Akhilesh

Akhilesh

First Published: May 01, 2023 10:29 AM

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।