'...तुम तो खुद ही उड़ जाओगी': सुनीता देवी कैसे बन गईं 'ड्रोन दीदी'? खुद बताई संघर्ष की कहानी

News18 India Chaupal: उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले की रहने वाली सुनीता देवी ने परिवार चलाने में परेशानी और आर्थिक तंगी के चलते इतनी मेहनत की कि उनकी अलग पहचान बन गई। आज पूरे देश में सुनीता को 'ड्रोन दीदी' के रूप में जाना जाता है

अपडेटेड Sep 16, 2024 पर 5:43 PM
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News18 India Chaupal: ड्रोन महिला किसानों के लिए काफी कारगर उपकरण साबित हो रहा है

Namo Drone Didi Scheme 2024: उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले की रहने वाली सुनीता देवी आज किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं। वह देशभर में 'ड्रोन दीदी' (Drone Didi) के नाम से विख्यात हैं। सुनीता ने सोमवार (16 सितंबर) को News18 इंडिया के एक कार्यक्रम 'चौपाल (News18 India Chaupal)' में अपने जीवन की गाथा बताई। उन्होंने सुनीता देवी से 'ड्रोन दीदी' बनने के अपने सफर के बारे में डिटेल्स जानकारी दी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नमो ड्रोन दीदी योजना (Namo Drone Didi scheme) के लिए 500 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। इस योजना का उद्देश्य 15,000 चयनित महिला स्वयं सहायता समूहों (SHGs) को ड्रोन उपलब्ध कराना है।

'ड्रोन दीदी' के नाम से मशहूर सुनीता देवी खेतों में ड्रोन के माध्यम से छिड़काव करने का काम करती हैं। गांव के आसपास के तमाम किसान अपने खेतों में कीटनाशक छिड़काव कराने के लिए उनकी मदद लेते हैं। सुनीता टेक्नोलॉजी के बेहतर प्रयोग से आज घर बैठे अच्छा पैसा कमा रही हैं।

सुनीता के परिवार में उनके पति, सास और दो बच्चे हैं। वह अच्छी खासी पढ़ी-लिखी भी हैं। उन्होंने ग्रेजुएशन (B.A.) किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 'ड्रोन दीदी' सुनीता देवी से 'मन की बात' में बातचीत कर उनकी तारीफ कर चुके हैं। सोमवार (16 सितंबर) को 'News18 इंडिया चौपाल' के मंच पर पहुंचीं सुनीता देवी ने बताया कि जब से पीएम मोदी से उनकी बात हुई है, तबसे देशभर में उनका नाम हो गया है।


अपनी सफलता से उत्साहित सुनीता ने कहा कि अब मुझे बड़े-बड़े मंच और कार्यक्रमों में बुलाया जाता है। सुनीता देवी ने फूलपुर 'IFFCO' कंपनी में ड्रोन उड़ाने की ट्रेनिंग ली थी। इसके बाद में उन्हें मोदी सरकार की तरफ से इलाहाबाद में ट्रेनिंग मिली।

सुनीता देवी से 'ड्रोन दीदी' बनने की कहानी

'ड्रोन उड़ाने की कैसे हुई शुरुआत' के सवाल पर सुनीता देवी ने न्यूज 18 से कहा, "जब मैं ड्रोन पायलट नहीं थी तो लोग कहते थे कि तुम ड्रोन नहीं उड़ा सकती हो। तब हमने कहा कि क्यों नहीं उड़ा सकती? तो उन्होंने कहा कि तुम इतनी दुब्ली-पतली हो कैसे ड्रोन उड़ाओगी? कुछ लोगों ने ये भई कहा कि इतना बड़ा ड्रोन उड़ाओगी तो तुम खुद ही इसके साथ उड़ जाओगी। तो हम कहते थे कि देखते रहो कैसे उड़ाते हैं।" सुनीता ने बताया कि ड्रोन का वजन करीब 25 किलोग्राम होता है।

सुनीता ने आगे बताया कि सीतापुर के कृषि विज्ञान केंद्र में डॉ. दयाशंकर श्रीवास्तव जी ने इस योजना के बारे में सबसे पहले बताया था। फिर वहां से ड्रोन उड़ाने की ट्रेनिंग लेने की प्रेरणा मिली। सुनीता देवी ने एक इंटरव्यू में बताया कि बारिश के मौसम में किसानों को खेतों में जाने में काफी दिक्कतें होती है। ऐसे में ड्रोन मध्ययम वर्ग के किसानों के लिए काफी काम आ सकता है। खेत के किनारे खड़े होकर वह ड्रोन से काम कर देती हैं।

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Akhilesh

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First Published: Sep 16, 2024 5:35 PM

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