Protect Spinach Crop: मार्च की गर्मी में पालक की फसल को कीटों से बचाएं, ये घरेलू उपाय देंगे बेहतरीन नतीजे
Protect Spinach Crop: मार्च की तेज धूप गर्मी बढ़ने का संकेत देती है, जिससे उत्तराखंड के खेतों में कीटों का खतरा बढ़ जाता है। रासायनिक दवाओं की बजाय पारंपरिक उपाय जैसे हल्दी-नीम का घोल, गुड़-छाछ का जीवामृत और नींबू के पत्तों का काढ़ा फसलों को सुरक्षित रखते हैं। ये जैविक नुस्खे मिट्टी की उर्वरता बनाए रखते हैं और पैदावार को स्वस्थ रखते हैं
Protect Spinach Crop: गुड़ और छाछ का मिश्रण कीटों को दूर रखता है.
मार्च का महीना दस्तक देते ही सूरज की किरणें तेज होने लगती हैं, जिससे खेतों में गर्मी का असर दिखने लगता है। इस बदलते मौसम के साथ फसलों पर कीटों का खतरा भी बढ़ जाता है, जो किसान की मेहनत पर पानी फेर सकते हैं। पारंपरिक खेती से जुड़े किसान जानते हैं कि रासायनिक कीटनाशकों का अधिक इस्तेमाल मिट्टी की गुणवत्ता को नुकसान पहुंचाता है और स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक हो सकता है। ऐसे में जैविक और प्राकृतिक उपाय अपनाकर न केवल फसलों को सुरक्षित रखा जा सकता है, बल्कि उनकी उत्पादकता भी बढ़ाई जा सकती है।
कृषि विशेषज्ञों की मानें तो हल्दी-नीम का घोल, गुड़-छाछ से बना जीवामृत और नींबू के पत्तों का काढ़ा खेतों में किसी ढाल से कम नहीं। ये न केवल फसल को कीटों से बचाते हैं, बल्कि मिट्टी की उर्वरता और पौधों की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाते हैं। सही उपाय अपनाकर किसान बेहतर और सुरक्षित पैदावार हासिल कर सकते हैं
हल्दी और नीम का असरदार मिश्रण
लोकल 18 से बात करते हुए कृषि विशेषज्ञ रिंकी सुधन ने ऐसे कुछ पारंपरिक उपाय साझा किए हैं, जो पालक की फसल को बचाने में काफी कारगर साबित होते हैं। उन्होंने बताया कि, हल्दी और नीम अपने औषधीय गुणों के लिए जाने जाते हैं। इनका सही मिश्रण कीटों को दूर करने में सहायक होता है और मिट्टी में मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकता है।
तैयारी का तरीका
100 ग्राम हल्दी
1 लीटर नीम का तेल
10 लीटर पानी
इन सभी को मिलाकर खेतों में छिड़काव करें। ये कीटों को नष्ट करने में प्रभावी होता है और पालक की फसल को नुकसान पहुंचाने वाले हानिकारक कीटों से बचाव करता है।
गुड़ और छाछ से बनाएं जीवामृत
गुड़ और छाछ के मिश्रण से तैयार जीवामृत जैविक खेती के लिए बहुत लाभदायक होता है। ये पौधों की वृद्धि को तेज करता है और कीटों को दूर रखता है।
बनाने की विधि
1 किलो गुड़
1 लीटर छाछ
10 लीटर पानी
इन सभी सामग्रियों को मिलाकर दो दिन तक छोड़ दें। इसके बाद इस घोल को फसलों पर छिड़कें। ये न केवल पौधों की वृद्धि को बढ़ाता है बल्कि मिट्टी को भी उपजाऊ बनाए रखता है।
नीम का तेल
पालक की फसल को कीड़ों से बचाने के लिए नीम का तेल बहुत प्रभावी होता है। ये खेतों में मौजूद हरे कीटों को नष्ट करता है।
बनाने का तरीका
5 मिलीलीटर नीम का तेल
थोड़ा सा साबुन
पर्याप्त मात्रा में पानी
इन सभी को मिलाकर फसलों पर स्प्रे करें। ये कीटों को नष्ट करने और पौधों को स्वस्थ बनाए रखने में सहायक होता है।
घर पर तैयार करें जीवाणु खाद
गुड़ और दही के मिश्रण से तैयार जीवाणु खाद फसलों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है। ये फसल में कीटों के हमले को कम करता है और मिट्टी की क्षमता को सुधारता है।
बनाने की विधि
1 किलो गुड़
2 किलो ताजा दही
20 लीटर पानी
इस मिश्रण को तीन दिन तक ढककर रखें। इसके बाद इसे खेतों में छिड़कने से फसल मजबूत और कीटों से मुक्त रहती है।
नींबू के पत्तों का काढ़ा
गांवों में आसानी से मिलने वाले नींबू के पेड़ के पत्तों का काढ़ा कीटों को खत्म करने का एक बेहतरीन तरीका है।
तैयारी का तरीका
नींबू के पत्तों को पानी में उबालें
ठंडा होने के बाद इस पानी को पालक की फसल पर छिड़कें
इस उपाय से पालक पर लगे रस चूसने वाले कीट दूर हो जाते हैं और फसल सुरक्षित रहती है।