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Netaji Subhash Chandra Bose Jayanti: नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती है पराक्रम दिवस, जानिए कुछ रोचक तथ्य

Netaji Subhash Chandra Bose Jayanti: नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 को कटक में हुआ था। हर साल 23 जनवरी के दिन सुभाष चंद्र बोस की जयंती मनाई जाती है। उनकी जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में मनाया जाता है। 2021 में देश के प्रधानमंत्री पीएम मोदी ने 23 जनवरी को पराक्रम दिवस के रूप में मनाने का ऐलान किया था

अपडेटेड Jan 23, 2024 पर 10:14 AM
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Netaji Subhash Chandra Bose Jayanti: नेताजी के आदर्शों को जमीनी स्तर पर पहुंचाना ही उनके प्रति सच्चा सम्मान होगा।

Netaji Subhash Chandra Bose Jayanti: स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और क्रांतिकारी नेताजी सुभाष चंद्र बोस (Netaji Subhash Chandra Bose) की जयंती हर साल 23 जनवरी को मनाई जाती है। जन्म 23 जनवरी 1897 को ओडिशा के कटक में बंगाली परिवार में हुआ था। उनकी जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में मनाया जाता है। 2021 में देश के प्रधानमंत्री पीएम मोदी ने 23 जनवरी को पराक्रम दिवस के रूप में मनाने का ऐलान किया था। नेताजी की पूरी जिंदगी साहस और पराक्रम से भरी हुई है। उन्होंने देश को आजाद कराने के लिए ऐसे नारे दिए, जिससे भारतीयों के दिलों में आजादी को लेकर जल रही ज्वाला और तेज धधकने लगी।

नेताजी ने भारत की आजादी में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने युवाओं के भीतर आजादी के लिए लड़ने का जज्बा पैदा किया। नेताजी ने आजादी के लिए जय हिन्द, तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा, चलो दिल्ली जैसे नारे दिए। जिससे युवाओं में जोश पैदा होता था।

सिविल सर्विस छोड़कर आजादी में कूदे


नेतजी सुभाष चंद्र बोस के पिता का नाम जानकीनाथ बोस और माता का नाम प्रभावती देवी था। नेताजी बेहद योग्‍य थे। उन्‍होंने 1920 में इंग्लैंड में सिविल सर्विस एग्‍जाम पास कर लिया था। इस परीक्षा में नेताजी का चौथा स्‍थान था। उन्होंने सिविल सर्विस की नौकरी छोड़कर देश को आजाद कराने का फैसला किया। आजादी के लिए नेताजी का नजरिया बड़ा साफ था। उन्‍हें पता था कि यह थाली में परोसकर नहीं म‍िलेगी। इसकी देशवासियों को कीमत चुकानी पड़ेगी। साल 2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे लेकर एक अहम फैसला लिया। आजादी में नेताजी के योगदान के मद्देनजर पीएम मोदी ने इसे पराक्रम दिवस के रूप में मनाने का ऐलान किया। इसके बाद से हर साल नेताजी की जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।

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नेताजी सुभाष चंद्र बोस के अहम विचार

नेताजी सुभाष चंद्र बोस के प्रेरणादायक विचार आज भी युवाओं को उतना ही प्रेरित करते हैं, जितना कि आजादी के आंदोलन के दौरान। एक बार उन्‍होंने कहा था कि तुम खुद की ताकत पर अगर भरोसा करो तो हर काम संभव है। जबकि दूसरों से ली गई ताकतें उधार की होती हैं जो घातक साबित हो सकती हैं। गलतियों को अगर आप चुपचाप देखकर अनदेखा कर रहे हैं तो इससे बड़ा अपराध कोई नहीं। सुभाष चंद्र बोस भी लोगों को यह प्रेरणा देते थे कि याद रखो अगर तुम अन्‍याय सह रहे हो, अपराध देख रहे हो या गलत के साथ समझौता कर रहे हो तो यह सबसे बड़ा अपराध है।

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