दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने बुधवार को कहा कि उसने भारतीय जनता पार्टी (BJP) की पूर्व नेता नूपुर शर्मा (Nupur Sharma) और नवीन कुमार जिंदल (Naveen Kumar Jindal) समेत कुछ अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है जो कथित तौर पर नफरत भरे संदेश फैला रहे हैं। दिल्ली पुलिस का कहना है कि ये लोग विभिन्न समूहों को उकसा रहे हैं। ये लोग ऐसी स्थिति पैदा कर रहे हैं जो शांति व्यवस्था को नुकसान पहुंचा सकती है।
यह मामला दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस (IFSO) यूनिट ने दर्ज किया है। IFSO के पुलिस उपायुक्त के पीएस मल्होत्रा ने पीटीआई से कहा कि यह FIR अलग-अलग धर्मों के लोगों के खिलाफ दर्ज की गई है।
उन्होंने बताया कि नूपुर शर्मा, नवीन कुमार जिंदल, शादाब चौहान, सबा नकवी, मौलाना मुफ्ती नदीम, अब्दुर रहमान, गुलजार अंसारी, अनिल कुमार मीणा और पूजा शकुन के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इन सभी लोगों पर अलग-अलग धर्मों के खिलाफ सोशल मीडिया पर अशोभनीय टिप्पणी कर माहौल खराब करने का आरोप है।
शांति पैदा करने के इरादे से झूठी और गलत जानकारी को बढ़ावा देने में विभिन्न सोशल मीडिया संस्थाओं की भूमिकाओं की भी पुलिस जांच करेगी। बता दें कि बीजेपी के दिल्ली प्रदेश मीडिया सेल अध्यक्ष नवीन कुमार जिंदल और बीजेपी प्रवक्ता नूपुर शर्मा द्वारा पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ की गई आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद अरब देशों ने नाराजगी व्यक्त की थी।
पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ बीजेपी नेताओं की विवादास्पद टिप्पणियों की कई मुस्लिम देशों ने कड़ी आलोचना की है। बवाल बढ़ता देख बीजेपी ने शर्मा को 5 जून को पार्टी से निलंबित कर दिया। वहीं, दिल्ली के अपने मीडिया प्रमुख नवीन कुमार जिंदल को निष्कासित कर दिया था।
मुस्लिम देशों में भारत के खिलाफ तीखी प्रतिक्रिया
मुस्लिम संगठनों के प्रदर्शनों और कुवैत, कतर, सऊदी अरब एवं ईरान जैसे देशों की तीखी प्रतिक्रिया के बीच बीजेपी ने एक बयान जारी कर कहा था कि वह सभी धर्मों का सम्मान करती है। भगवा पार्टी ने कहा कि वह किसी भी धर्म के पूजनीय लोगों के अपमान की कड़ी निंदा करती है।
बता दें कि लगभग 10 दिन पहले टीवी पर एक बहस में शर्मा की टिप्पणियों और जिंदल के आपत्तिजनक ट्वीट के खिलाफ ट्विटर पर एक अभियान चलाकर कुछ देशों में भारतीय उत्पादों के बहिष्कार का आह्वान किया गया था।
कार्रवाई के बाद नुपूर शर्मा ने टीवी बहस में दिए गए अपने विवादास्पद बयान को बिना शर्त वापस ले लिया था। उन्होंने दावा किया था कि उनकी टिप्पणी उनके आराध्य महादेव के निरंतर अपमान और तिरस्कार की प्रतिक्रिया में आई थी।