PepsiCo Potato: आलू की एक खास किस्म है जिस पर सिर्फ पेप्सिको (PepsiCo) का हक है। दिल्ली हाईकोर्ट ने उसे ये हक दिया है और इसके साथ ही हाईकोर्ट ने अपना ही फैसला पलट दिया है। यह आलू खास किस्म का है और इसका इस्तेमाल लेज (Lay's) ब्रांड के आलू चिप्स बनाने में होता है। इसे लेकर दिल्ली हाईकोर्ट की एक बेंच ने आज कहा कि न्यूयॉर्क की पेप्सिको अपने लेज के चिप्स के लिए खासतौर से उगाए गए आलू की किस्म के पेटेंट का दावा कर सकती है।
फार्मर्स राइट एक्टिविस्ट की नहीं मानी दलील
दिल्ली हाईकोर्ट की बेंच ने इसे लेकर पिछले साल जुलाई 2023 में एकल न्यायाधीश के आदेश को रद्द कर दिया। उस समय एकल न्यायाधीश ने प्रोटेक्शन ऑफ प्लांट वैरायटीज एंड फार्मर्स राइट्स (PPVFR) अथॉरिटी के 3 दिसंबर 2021 के आदेश को बरकरार रखा था। अथॉरिटी ने आलू की इस खास किस्म पर पेटेंट को रद्द किया था। अब दिल्ली हाईकोर्ट ने इस फैसले को ही खारिज कर दिया है और किसानों के अधिकारों के लिए लड़ने वाली कविता कुरुगांती की दलीलों को नहीं माना। कविता का आरोप है कि कंपनी आलू के बीज की किस्म पर पेटेंट का दावा नहीं कर सकती। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि पेप्सिकी की याचिका को मंजूरी दी जाती है। हाईकोर्ट ने कहा कि पेप्सिको के रिन्यूअल एप्लीकेशन को रजिस्ट्रार की फाइल पर बहाल किया जाएगा।
पेप्सिको ने भारत में अपना पहला आलू चिप प्लांट 1989 में बनाया था। यह कुछ किसानों को एक खास किस्म के आलू के बीच सप्लाई करती है और फिर किसान आलू की उपज सिर्फ कंपनी को ही एक निश्चित भाव पर बेचते हैं। वर्ष 2019 में पेप्सिको ने कुछ किसानों पर इस खास किस्म FC5 की खेती करने के लिए मुकदमा कर दिया और उन किसानों पर इसके पेटेंट के उल्लंघन का आरोप लगाया। कंपनी ने हर एक किसान से से 10 करोड़ रुपये (1,21,050 डॉलर) का मुआवजा भी मांगा था। हालांकि पेप्सिको ने कुछ महीनों में मुकदमा वापस ले लिया। फिर दिसंबर 2021 में PPVFR ने इसके वैरिएटल रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट को रद्द कर दिया जो इसे देश में आलू की खास किस्म 'FL-2027' पर मिला था।